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बरेका में 200 रेल इंजनों का होगा उत्पादन

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Published : Jan 3, 2021, 4:36 AM IST

यूपी के वाराणसी में शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए बनारस रेल इंजन कारखाने की महाप्रबंधक अंजली गोयल ने कहा कि कारखाने में 9000 अश्वशक्ति का इंजन का निर्माण जल्द होगा. इस वर्ष ऐसे दो इंजन बनेंगे.

बनारस रेल इंजन कारखाना की महाप्रबंधक अंजली गोयल
बनारस रेल इंजन कारखाना की महाप्रबंधक अंजली गोयल

वाराणसीः बनारस रेल इंजन कारखाना में 9000 अश्वशक्ति का इंजन का निर्माण जल्द होगा. इस वर्ष ऐसे दो इंजन बनेंगे. प्लेटफार्म के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्य के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा बरेका को निर्देशित कर दिया गया है. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में ट्रेक्शन मोटर, सेल, बोगी, लोकोमोटिव असेंबली सहित कमिश्निंग व परीक्षण शामिल हैं. यह परियोजना चार वर्षों की होगी. जिसमें 200 रेल इंजनों का उत्पादन किया जाएगा. यह जानकारी शनिवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) की महाप्रबंधक अंजली गोयल ने दी.

कारखाने में 9000 अश्वशक्ति का इंजन का निर्माण जल्द होगा

ट्रेनों को मिली औसत गति वृद्धि
मीडिया से मुखातिब होते हुए अंजली गोयल ने कहा कि जनपद में इंजन के निर्माण से मिशन रफ्तार के अंतर्गत भारतीय रेल ने पशु एवं पुल मोड के संचालन के द्वारा ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि की गई है. उन्होंने आगे बताया कि रेल इंजनों के बीच रेक के साथ दो डब्ल्यूएपी-7 रेल इंजन के मल्टीपल फॉरमेशन द्वारा डब्ल्यूएपी-7 यात्री को लोको को पशु पुल मोड में किया गया. प्रथम जोड़ी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया और इसे यात्री सेवा के लिए फरवरी 2020 में बरेका से भेजा गया.

ट्रेन टेलिमेट्री का अंत
अंजली गोयल ने बताया कि ट्रेन टेलीमेट्री भारतीय रेल की एक महत्वपूर्ण परियोजना है. जिसके अंतर्गत मालवाहक ट्रेनों में गार्ड व ब्रेक वान को हटाने का विकल्प तलाशा जाना है. बहुत ही कम लागत का रेडियो टेलिमेट्री उपकरण उपयोग किया जाएगा. जिससे रेल इंजन ड्राइवर व अंतिम वैगन के बीच संचार स्थापित हो जाएगा. जिससे यह सुनिश्चित होगा कि ट्रेन की संपूर्ण इकाई कोच-बैगन के साथ चल रही है. उन्होंने बताया कि बनारस रेल इंजन कारखाना इस परियोजना के सुचारु कार्यान्वयन व समुचित समन्वय के लिए गठित टास्क फोर्स का संयोजक है.

वाराणसीः बनारस रेल इंजन कारखाना में 9000 अश्वशक्ति का इंजन का निर्माण जल्द होगा. इस वर्ष ऐसे दो इंजन बनेंगे. प्लेटफार्म के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्य के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा बरेका को निर्देशित कर दिया गया है. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में ट्रेक्शन मोटर, सेल, बोगी, लोकोमोटिव असेंबली सहित कमिश्निंग व परीक्षण शामिल हैं. यह परियोजना चार वर्षों की होगी. जिसमें 200 रेल इंजनों का उत्पादन किया जाएगा. यह जानकारी शनिवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) की महाप्रबंधक अंजली गोयल ने दी.

कारखाने में 9000 अश्वशक्ति का इंजन का निर्माण जल्द होगा

ट्रेनों को मिली औसत गति वृद्धि
मीडिया से मुखातिब होते हुए अंजली गोयल ने कहा कि जनपद में इंजन के निर्माण से मिशन रफ्तार के अंतर्गत भारतीय रेल ने पशु एवं पुल मोड के संचालन के द्वारा ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि की गई है. उन्होंने आगे बताया कि रेल इंजनों के बीच रेक के साथ दो डब्ल्यूएपी-7 रेल इंजन के मल्टीपल फॉरमेशन द्वारा डब्ल्यूएपी-7 यात्री को लोको को पशु पुल मोड में किया गया. प्रथम जोड़ी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया और इसे यात्री सेवा के लिए फरवरी 2020 में बरेका से भेजा गया.

ट्रेन टेलिमेट्री का अंत
अंजली गोयल ने बताया कि ट्रेन टेलीमेट्री भारतीय रेल की एक महत्वपूर्ण परियोजना है. जिसके अंतर्गत मालवाहक ट्रेनों में गार्ड व ब्रेक वान को हटाने का विकल्प तलाशा जाना है. बहुत ही कम लागत का रेडियो टेलिमेट्री उपकरण उपयोग किया जाएगा. जिससे रेल इंजन ड्राइवर व अंतिम वैगन के बीच संचार स्थापित हो जाएगा. जिससे यह सुनिश्चित होगा कि ट्रेन की संपूर्ण इकाई कोच-बैगन के साथ चल रही है. उन्होंने बताया कि बनारस रेल इंजन कारखाना इस परियोजना के सुचारु कार्यान्वयन व समुचित समन्वय के लिए गठित टास्क फोर्स का संयोजक है.

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