वाराणसी: 19 नवंबर को काशी में देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. कोविड 19 प्रोटोकॉल के बाद दो साल के अंतराल में वृहद पैमाने पर 12 लाख से ज्यादा दिए जलाने की तैयारी की गई है. काशी के 84 घाटों की लंबी श्रंखला परियों को सजाने के लिए 120 समितियों को 11 हजार दियों को जलाए जाने का टारगेट दिया गया है. इसके लिए खुद पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की.
2018 से पहले नहीं मिलता था सरकारी सहयोग
पर्यटन मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का सहयोग कर रही समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की. यह समितियां घाटों, नगर में स्थित कुंडों व तालाबों पर दीप प्रज्ज्वलित करेंगी. पर्यटन मंत्री ने कहा, पंचगंगा घाट से शुरु हुआ कार्यक्रम आज सभी घाटों पर आयोजित किया जाता है. गत वर्ष इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शामिल होने के चलते यह एक विश्वव्यापी इवेंट बन चुका है.
हालत यह है कि नगर के सभी होटल व नावें बुक हो चुकी हैं. 2018 से पूर्व इस आयोजन को कोई सरकारी सहयोग नही मिलता था लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कि सरकार में सरकारी सहयोग से यह कार्यक्रम और निखर कर सामने आ रहा है.
तैयारियों की खुद का संभालेंगे मंत्री कमान
मंत्री ने बैठक में घोषणा करते हुए बताया कि इस वर्ष से अब देव दीपवाली के आयोजन के एक दिन बाद अब प्रत्येक वर्ष महोत्सव के आयोजन से जुड़ी समितियों का सम्मान समारोह व भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ करेगा. बैठक में मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को समन्वय बनाकर तैयारियों को युद्धस्तर पर अविलंब पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का ख्याल रखा जाए ताकि उनको इस महोत्सव का अद्वितीय व अलौकिक आंनद प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो.
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मंत्री डा. तिवारी ने समितियों से कहा कि वे कोई भी समस्या होने पर अविलंब उनसे व्यक्तिगत सम्पर्क कर सकते हैं. उन्होंने अधिकारियों को स्वयं घाटों पर उतर कर स्थलीय निरीक्षण कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए.
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