उन्नाव: उन्नाव में डाक्टरों की संवेदनहीनता का एक मामला सामने आया हैं. यहां डाक्टरों ने खून की कमी बताकर प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया. डाक्टरों ने तीमारदारों से यह कहते हुए मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया कि वह प्रसूता को चाहे जहां भी ले जाए, लेकिन उसका यहां इलाज नहीं हो सकता है. इस दौरान अस्पताल भवन के बाहर सीएचसी परिसर से लगे सड़क पर दर्द से कराहती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. वहीं, बच्ची के जन्म के बाद आनन-फानन में महिला को उसी अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.
दरअसल, उन्नाव के थाना फतेहपुर चौरासी (Unnao Police Station Fatehpur Chaurasi) के खेवरई निवासी शिवकुमारी (29) पत्नी राकेश को गुरुवार को प्रसव पीड़ा हुई. दर्द बढ़ने पर परिजन उसे आनन-फानन सफीपुर सीएचसी लेकर पहुंचे. यहां डाक्टरों ने यह कहते हुए प्रसूता को भर्ती करने से मना कर दिया कि उसके खून बहुत कम है. तीमारदार डाक्टरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे मगर डाक्टरों ने उनकी एक न सुनी.
तीमारदारों ने कहा कि प्रसूता को बहुत दर्द हो रहा हैं. ऐसी हालत में कहा लेकर जाएं. जिस पर डाक्टरों ने सख्त लहजे में कहा कि कही भी लेकर जा सकते हो, पर यहां भर्ती नहीं कर सकते हैं. मजबूरन प्रसूता को अस्पताल से लेकर जाने लगे.
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लेकिन इसी बीच अस्पताल भवन के बाहर प्रसूता को दर्द होने लगी और वो वहीं बैठ गई. लेकिन इतना देखने के बाद भी उसकी मदद को कोई अस्पताल कर्मी सामने नहीं आया. ऐसे में आसपास की महिलाएं सामने आईं और उन्होंने वही जमीन पर प्रसव कराया. इसके बाद तीमारदार जच्चा-बच्चा को लेकर अस्पताल भवन के अंदर गए तो डाक्टरों ने उन्हें भर्ती कर लिया.
एक तरफ अस्पताल प्रशासन दावा कर रहा कि प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर किया गया था. दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई. नियमानुसार जो मरीज रेफर किए जाते हैं, उन्हें अस्पताल की ओर से एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाती हैं.
इतना ही नहीं अस्पताल की ओर से बताया गया कि महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसका हीमोग्लोबिन बहुत कम था. इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था. एम्बुलेंस लेट होने से बाहर ही उसने बच्ची को जन्म दे दिया.
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