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उन्नाव: जिले में बदहाल हो गई रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जल स्तर 200 फुट के नीचे पहुंचा - उन्नाव समाचार

उन्नाव में दिन-प्रतिदिन धरती सूखती जा रही है. 10 साल पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का निर्देश परित हुआ था, लेकिन हाल यह है कि जिले के सरकारी महकमों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल हैं. पानी की कमी इतनी अधिक हो गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हेडपंप काम नहीं आ रहे हैं.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग.
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Published : Jun 17, 2019, 1:37 PM IST

उन्नाव: जिले के सरकारी महकमों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल हैं. प्रशासनिक अमले ने भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी. एक आंकड़े के मुताबिक 200 वर्ग मीटर में बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम साल भर में 20 लाख लीटर पानी धरती में संजो लेता है.

घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने को लेकर अनुदान की भी सुविधा है, लेकिन उसके बाद भी घरों में इस सिस्टम को नहीं लगाया जा रहा है. दिन-प्रतिदिन जिले में धरती सूखती जा रही है. जल स्तर गिरकर 200 फुट से नीचे पहुंच गया है. हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप काम करना बंद कर दिए हैं.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग उन्नाव में बदहाल.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल-

  • 10 साल पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का निर्देश परित हुआ.
  • उन्नाव के सरकारी महकमे में पानी को बहाया जा रहा है.
  • पानी को सहेजने के लिए अभी तक कोई सरकारी इंतजाम नहीं किया गया.
  • कलेक्ट्रेट निराला प्रेक्षागृह और विकास भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए.
  • लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग खराब हो गए और पानी नालियों में बहने लगे.

वाटर हार्वेस्टिंग के लाभ-

  • वाटर हार्वेस्टिंग से पानी संचित किया जाता है.
  • पानी संचित करने से 2.5 हजार घरों के लिए पूरे साल पानी मुहैया कराया जा सकता है.
  • शहर में हर व्यक्ति को 120 लीटर पानी की जरूरत है.
  • 70 लीटर उसके द्वारा नहाने और अन्य वजहों से बर्बाद कर दिया जाता है.
  • हर व्यक्ति के जरूरत के हिसाब से केवल 20 लीटर पानी पर्याप्त है.
  • जिला मुख्यालय परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगा दिया जाए तो उससे पानी की बचत होगी.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री का निर्देश है कि इस पानी को संचय किया जाए. हम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. ऑफिसों में बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम फेल हो गए हैं उनको फिर से दुरुस्त कराकर चालू कराया जाएगा. हम लोग जिले के तहसील और ब्लॉक पर भी इस सिस्टम को बनवाने का प्रयास कर रहे हैं.
-प्रेम रंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

उन्नाव: जिले के सरकारी महकमों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल हैं. प्रशासनिक अमले ने भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी. एक आंकड़े के मुताबिक 200 वर्ग मीटर में बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम साल भर में 20 लाख लीटर पानी धरती में संजो लेता है.

घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने को लेकर अनुदान की भी सुविधा है, लेकिन उसके बाद भी घरों में इस सिस्टम को नहीं लगाया जा रहा है. दिन-प्रतिदिन जिले में धरती सूखती जा रही है. जल स्तर गिरकर 200 फुट से नीचे पहुंच गया है. हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप काम करना बंद कर दिए हैं.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग उन्नाव में बदहाल.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल-

  • 10 साल पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का निर्देश परित हुआ.
  • उन्नाव के सरकारी महकमे में पानी को बहाया जा रहा है.
  • पानी को सहेजने के लिए अभी तक कोई सरकारी इंतजाम नहीं किया गया.
  • कलेक्ट्रेट निराला प्रेक्षागृह और विकास भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए.
  • लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग खराब हो गए और पानी नालियों में बहने लगे.

वाटर हार्वेस्टिंग के लाभ-

  • वाटर हार्वेस्टिंग से पानी संचित किया जाता है.
  • पानी संचित करने से 2.5 हजार घरों के लिए पूरे साल पानी मुहैया कराया जा सकता है.
  • शहर में हर व्यक्ति को 120 लीटर पानी की जरूरत है.
  • 70 लीटर उसके द्वारा नहाने और अन्य वजहों से बर्बाद कर दिया जाता है.
  • हर व्यक्ति के जरूरत के हिसाब से केवल 20 लीटर पानी पर्याप्त है.
  • जिला मुख्यालय परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगा दिया जाए तो उससे पानी की बचत होगी.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री का निर्देश है कि इस पानी को संचय किया जाए. हम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. ऑफिसों में बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम फेल हो गए हैं उनको फिर से दुरुस्त कराकर चालू कराया जाएगा. हम लोग जिले के तहसील और ब्लॉक पर भी इस सिस्टम को बनवाने का प्रयास कर रहे हैं.
-प्रेम रंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी

सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने का निर्देश 10 साल पहले पारित हुआ था लेकिन हाल यह है कि जिले के सरकारी महकमों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल हैं प्रशासनिक अमले ने भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी एक आंकड़े के मुताबिक 200 वर्ग मीटर में बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम साल भर में 2000000 लीटर पानी धरती में संजो लेता है अब तो घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने को लेकर अनुदान की भी सुविधा है लेकिन उसके बाद भी घरों में इस सिस्टम को नहीं लगाया जा रहा है दिन-प्रतिदिन जिले में धरती की कोख सूखती जा रही है जल स्तर गिरकर 200 फुट से नीचे पहुंच गया है हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हेड पंप काम करना बंद कर दिए हैं।


Body:जहां देश के प्रधानमंत्री प्रधानों को खत लिखकर बारिश के पानी का संचयन का अनुरोध करते हैं वहीं पर उन्नाव के सरकारी महकमे में इस पानी को इस कदर बहाया जा रहा है कि जैसे इस पानी का कोई इस्तेमाल ही ना हो धरती में पानी को सहेजने के लिए जो सरकारी इंतजाम अभी तक किए गए वह खरे नहीं उतरे वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर कलेक्ट्रेट निराला प्रेक्षागृह और विकास भवन में सिस्टम लगाए गए थे लेकिन देखरेख के अभाव में या खत्म हो गए हैं हाल यह है कि पानी बरसता है और वह नालियों में बह जाता है।


Conclusion:वही जापानी इतनी मात्रा में संचित हो सकता है कि 2.5 हजार घरों के लिए पूरे साल पानी मुहैया कराया जा सकता है शहर में हर व्यक्ति को 120 लीटर पानी की जरूरत है लेकिन 70 लीटर उसके द्वारा म्हाने और अन्य वजहों से बर्बाद कर दिया जाता है हर व्यक्ति के जरूरत के हिसाब से केवल 20 लीटर पानी पर्याप्त है वही जिस तरह जिला मुख्यालय का परिसर बना है उसमें यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिया जाए तो उससे पानी की खासी बचत होगी वहीं मीडिया से बात करते हुए उन्नाव के मुख्य विकास अधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रधानमंत्री व सूबे के मुख्यमंत्री का निर्देश है कि इस पानी को संचय किया जाए वहीं उन्होंने कहा कि हम लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं ऑफिसों में बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम फेल हो गए हैं उनको फिर से दुरुस्त कराया जाएगा और चालू कराया जाएगा उन्होंने कहा कि हम लोग जिले के तहसील व ब्लाक पर भी इस सिस्टम को बनवाने का प्रयास कर रहे हैं।

बाइट :---प्रेम रंजन सिंह मुख्य विकास अधिकारी उन्नाव
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