उन्नाव: सूबे की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, लेकिन महिला अपराध है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में बेटी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग लेकर पुलिस अधीक्षक के पास गए एक परिवार को कार्यालय से भगा दिया गया.
न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार
दरअसल, जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली आशा त्रिवेदी ने अपनी बेटी अलका की शादी 2012 में डीह गांव के रहने वाले आशीष द्विवेदी के साथ की थी. समय बीतने के बाद अलका के ससुराल वाले अलका से अधिक दहेज की मांग करने लगे. अलका ने दो बेटियों को भी जन्म दिया, जो उसके लिए अभिशाप बन गया.
ससुराल वाले लगातार दो बेटियों के होने के ताने अलका को देते थे और साथ ही दहेज की मांग को लेकर यातनाएं देते थे. आखिरकार 24 अक्टूबर को अलका की मौत की खबर मिली. अलका के परिजनों ने ससुराल वालों पर दहेज के लालच के चलते हत्या का आरोप लगाया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगाने जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा तो एसपी ने खुद डांटकर भगा दिया. साथ ही एसपी ने इस मामले पर मीडिया से बात करने को भी मना कर दिया.
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