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उन्नाव: न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार, नहीं हुई सुनवाई

उन्नाव में बुधवार को एक पीड़ित परिवार जब एसपी कार्यालय न्याय की गुहार लेकर पहुंचा तो एसपी ने खुद उसे डांटकर भगा दिया. परिवार का कहना है कि उनकी बेटी की हत्या ससुराल वालों ने कर दी है.

न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार
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Published : Nov 8, 2019, 12:34 PM IST

उन्नाव: सूबे की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, लेकिन महिला अपराध है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में बेटी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग लेकर पुलिस अधीक्षक के पास गए एक परिवार को कार्यालय से भगा दिया गया.

न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार.

न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार
दरअसल, जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली आशा त्रिवेदी ने अपनी बेटी अलका की शादी 2012 में डीह गांव के रहने वाले आशीष द्विवेदी के साथ की थी. समय बीतने के बाद अलका के ससुराल वाले अलका से अधिक दहेज की मांग करने लगे. अलका ने दो बेटियों को भी जन्म दिया, जो उसके लिए अभिशाप बन गया.

ससुराल वाले लगातार दो बेटियों के होने के ताने अलका को देते थे और साथ ही दहेज की मांग को लेकर यातनाएं देते थे. आखिरकार 24 अक्टूबर को अलका की मौत की खबर मिली. अलका के परिजनों ने ससुराल वालों पर दहेज के लालच के चलते हत्या का आरोप लगाया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगाने जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा तो एसपी ने खुद डांटकर भगा दिया. साथ ही एसपी ने इस मामले पर मीडिया से बात करने को भी मना कर दिया.

इसे भी पढ़ें:- लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं मो. अहमद

उन्नाव: सूबे की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, लेकिन महिला अपराध है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में बेटी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग लेकर पुलिस अधीक्षक के पास गए एक परिवार को कार्यालय से भगा दिया गया.

न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार.

न्याय के लिए एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित परिवार
दरअसल, जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली आशा त्रिवेदी ने अपनी बेटी अलका की शादी 2012 में डीह गांव के रहने वाले आशीष द्विवेदी के साथ की थी. समय बीतने के बाद अलका के ससुराल वाले अलका से अधिक दहेज की मांग करने लगे. अलका ने दो बेटियों को भी जन्म दिया, जो उसके लिए अभिशाप बन गया.

ससुराल वाले लगातार दो बेटियों के होने के ताने अलका को देते थे और साथ ही दहेज की मांग को लेकर यातनाएं देते थे. आखिरकार 24 अक्टूबर को अलका की मौत की खबर मिली. अलका के परिजनों ने ससुराल वालों पर दहेज के लालच के चलते हत्या का आरोप लगाया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगाने जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा तो एसपी ने खुद डांटकर भगा दिया. साथ ही एसपी ने इस मामले पर मीडिया से बात करने को भी मना कर दिया.

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Intro:उन्नाव:-सूबे की योगी सरकार भले ही प्रदेश में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन उन्नाव में महिला अपराध है कि रुकने का नाम नही ले रहे हालात ये है कि पुलिस के अधिकारी अपराधियो की गिरफ्तारी करने की बजाय पीड़ित परिवार को ही भगा दे रहे है पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बेटी के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इंसाफ की आस में भटक रहा ये परिवार उन्नाव शहर के लोक नगर का है दहेज के लोभियों ने इस परिवार से इनकी बेटी को हमेशा के लिए छीन लिया है नाजो से पालकर जिस शख्स को परिवार ने अपनी बेटी सौंपी थी दहेज़ के लालच में उसने ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया वही हैरानी की बात तो ये है कि खुलेआम घूम रहे इन हत्यारो को पकड़ने की फरियाद लेकर पहुचे इस परिवार को इंसाफ देने की बजाय पुलिस अधीक्षक उन्नाव ने पीड़ित परिवार को ही डांटकर भगा दिया।




Body:दरहसल ये पूरा मामला उन्नाव शहर कोतवाली क्षेत्र का है जहां की रहने वाली आशा त्रिवेदी ने अपनी बेटी अलका की शादी फरवरी 2012 में बड़े ही अरमानों से धूमधाम से डीह गांव के रहने वाले आशीष द्विवेदी से की थी हैसियत के अनुसार बेटी की झोली भरकर ससुराल भेजा था ताकि बेटी को कोई तकलीफ ना हो लेकिन समय बीतने के साथ ही अलका ने 2 बेटियों को जन्म दिया और यही उसके लिए अभिशाप बन गया बेटी होने के ताने मिलने शुरू हो गए और उसके बाद लगातार ससुराल के लोग अलका को तरह तरह की यातनाएं और डिमांड करने लगे जिसको लेकर अलका लगातार अपने परिवार से आप बीती बताती रही और आखिरकार 24 अक्टूबर को अलका की मौत की खबर मिली अलका के परिजन की माने तो दहेज की लालच में उनकी बेटी की हत्या कर दी गयी।यही नही बड़ी ही मुश्किल से मुकदमा दर्ज करने वाली पुलिस दहेज हत्यारो को गिरफ्तार तक नही कर रही और पीड़ित परिवार बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दर दर भटक रहा है।

बाईट--एम पी वर्मा (पुलिस अधीक्षक उन्नाव)




Conclusion:
हैरानी की बात तो ये है पीड़ित परिवार को पुलिस अधीक्षक की चौखट पर भी न्याय की जगह सिर्फ दुत्कार मिली पुलिस अधीक्षक ने बार बार आने पर परिवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया।वही जब हमने इस मामले पर पुलिस अधीक्षक से बात की तो उन्होंने बाईट देने से मना कर दिया और बोले छोटे मामलों पर बाईट नही दी जाएगी।


वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000



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