उन्नाव: एसपी ऑफिस के बाहर खुद को आग के हवाले करने वाली दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई. शनिवार की शाम हैलट अस्पताल में उपचार के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया. रविवार को हैलट अस्पताल प्रबंधन ने पैनल से पोस्टमार्टम कराया और शाम करीब 6 बजे पार्थिव शरीर पीड़िता के गांव पहुंचा. यहां जिला प्रशासन ने दबाव बनाकर अंतिम संस्कार कराया. प्रशासन के व्यवहार से परिजनों में आक्रोश है.
जानें पूरा मामला
- मामला हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है.
- 16 दिसंबर को दुष्कर्म पीड़िता न्याय की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंची.
- न्याय न मिलने पर पीड़िता ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली.
- एसपी कार्यालय पर मौजूद लोगों ने किसी तरह आग बुझाई.
- पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में पीड़िता को जिला अस्पताल पहुंचाया.
- हालत बिगड़ने पर उसे हैलट अस्पताल कानपुर रेफर कर दिया गया.
- शनिवार शाम को हैलट अस्पताल में पीड़िता ने दम तोड़ दिया.
- पीड़िता का शव जब घर पहुंचा तो परिजनों में हड़कंप मच गया.
- परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
- आलाधिकारियों के आश्वासन के बाद भी परिजन नहीं माने, तो प्रशासन ने दबाव बनाकर अंतिम संस्कार कराया.
- प्रशासन के रवैए को लेकर परिजनों में गहरा आक्रोश है.
- सपा जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार से 25 लाख के मुआवजे की मांग की.
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
युवती का गांव के ही एक युवक से 10 साल से प्रेम संबंध चल रहा था. शादी न करने पर पीड़िता ने 2 अक्टूबर 2019 को हसनगंज कोतवाली में युवक समेत तीन लोगों को नामजद किया था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपी को बचाने में लगी थी. 28 नबंवर को युवक को हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे मिल गया.
आरोपी को भेजा गया जेल
महीनों से न्याय के लिए भटक रही पीड़िता ने शनिवार को खुद को आग के हवाले कर दिया. पुलिस की किरकिरी होने पर एसपी के आदेश पर हसनगंज पुलिस ने आरोपी को शनिवार को हिरासत में ले लिया और रविवार को जेल भेज दिया. वहीं मामले की न्यायालय में चार्जशीट भी पुलिस दाखिल कर चुकी है.
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