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उन्नाव: जिला अस्पताल में लिखी जा रही बाहर की जांच, मरीज हो रहे परेशान - unnao district hospital

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी है. मरीजों को मजबूरन दवा से लेकर जांच तक बाहर से करवानी पड़ रही है. इसके चलते मरीज परेशानियों का सामना करने को मजबूर हैं.

जिला अस्पताल में डॉक्टर लिख रहे बाहर की जांच.
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Published : Sep 6, 2019, 2:37 PM IST

उन्नाव: सूबे की योगी सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन जनपद के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी है. मरीजों को बाहर की दवा और जांच लिखी जा रही है. इसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में परेशान हो रहे मरीज

क्या है पूरा मामला

  • बुखार से परेशान अचलगंज की रहने वाली कविता इलाज के लिए कई बार जिला अस्पताल आई.
  • जब आराम नहीं मिला तो फिजीशियन डॉ. रमेश से जांच लिखने के लिए कहा.
  • डॉक्टर ने जांच तो लिख दी, लेकिन जांच बाहर से कराने के लिए कहा.
  • कविता के परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं है.
  • बाहर से जांच करा पाना मुमकिन नहीं है.
  • पीड़िता और पीड़िता का परिवार परेशानी का सामना करने को मजबूर है.

यह भी पढ़ें : मुजफ्फरनगर: मंदिर तोड़े जाने के विरोध में भूख हड़ताल, भीम आर्मी ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

डॉ. रमेश ने जांच लिखकर बाहर से कराने के लिए कहा, लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके कारण मैं बाहर की जांच नहीं करा सकती हूं
-कविता, मरीज

उनके द्वारा लिखी गयी जांच को पैथलॉजी के डॉक्टर आनंद मोहन नहीं करते हैं, क्योंकि हम बच्चों के डॉक्टर है.
डॉ. रमेश, चिकिस्तक जिला अस्पताल

उन्नाव: सूबे की योगी सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन जनपद के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी है. मरीजों को बाहर की दवा और जांच लिखी जा रही है. इसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में परेशान हो रहे मरीज

क्या है पूरा मामला

  • बुखार से परेशान अचलगंज की रहने वाली कविता इलाज के लिए कई बार जिला अस्पताल आई.
  • जब आराम नहीं मिला तो फिजीशियन डॉ. रमेश से जांच लिखने के लिए कहा.
  • डॉक्टर ने जांच तो लिख दी, लेकिन जांच बाहर से कराने के लिए कहा.
  • कविता के परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं है.
  • बाहर से जांच करा पाना मुमकिन नहीं है.
  • पीड़िता और पीड़िता का परिवार परेशानी का सामना करने को मजबूर है.

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डॉ. रमेश ने जांच लिखकर बाहर से कराने के लिए कहा, लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके कारण मैं बाहर की जांच नहीं करा सकती हूं
-कविता, मरीज

उनके द्वारा लिखी गयी जांच को पैथलॉजी के डॉक्टर आनंद मोहन नहीं करते हैं, क्योंकि हम बच्चों के डॉक्टर है.
डॉ. रमेश, चिकिस्तक जिला अस्पताल

Intro:उन्नाव:-सूबे की योगी सरकार भले ही यू पी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुचाने का दावा कर रही हो लेकिन उन्नाव के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर बदहाल हो चुकी है कि मरीजो को बाहर से जांच करानी पड़ रही है अपनी बीमारी से परेशान मरीज इलाज के लिए जब जिला अस्पताल पहुचता है तो डॉक्टरों दांव पेंच में इस कदर उलझता है कि उसे मजबूरन दवा से लेकर जांचे तक बाहर से करवानी पड़ रही है वही हैरानी की बात तो ये है कि धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर लोगो को राहत पहुचाने की बजाय दूसरे डॉक्टर पर ही लापरवाही का आरोप लगाते नज़र आ रहे है।





Body:अगर आप किसी बीमारी की चपेट में और जिला अस्पताल में इलाज कराने की सोच रहे है तो जरा सावधान हो जाइए क्योकि जिस बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए आप जिला अस्पताल जाना चाहते है वो स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टरों के दांव पेंच और आपसी टकराव की भेंट चढ़ गई है क्योकि दवाओं से लेकर किसी जांच के लिए आपको बाहर की पैथोलॉजी ही जाना पड़ेगा। बुखार से परेशान अचलगंज की रहने वाली कविता इलाज के लिए कई बार जिला अस्पताल आई और जब उसको बुखार से आराम नही मिला तो उसने जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर रमेश से जांच लिखने को बोला हालांकि डॉक्टर ने जांच तो लिख दिया लेकिन उस जांच को बाहर से कराने के लिए जब डॉक्टर रमेश ने कविता से कहा तो उसका दिमाग चकरा गया क्योकि परिवार की आर्थिक हालात ठीक ना होने से बाहर से जांच करा पाना कविता के लिए मुमकिन नही था और बुखार से पीड़ित कविता की आंखों में आंसू आ गए।etv भारत के कैमरे के सामने उसने अपना पूरा दर्द बयां किया।








Conclusion:वही जब हमने कविता की जांच लिखने वाले फिजिशियन डॉक्टर रमेश से बात की तो पहले तो उन्होंने बाहर की जांच लिखे जाने की बात को सिरे से नकार दिया लेकिन आखिर में फिजिशियन रमेश ने हैरान करने वाली बात बताई डॉक्टर की माने तो उनके द्वारा लिखी गयी जांच को पैथलॉजी के डॉक्टर आनंद मोहन नही करते है क्योकि हम बच्चों के डॉक्टर है वही डॉक्टर रमेश की माने तो हमारे पास एम बी बी एस की डिग्री है और हमने पैथोलॉजी की भी पढ़ाई की है लेकिन डॉक्टर आनंद मोहन फिर भी हमारे द्वारा लिखी गयी जांच नही करते वही जब हमने डॉक्टर आनंद मोहन से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
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