लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थी परेशान हैं. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन समय नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस प्रकरण की सुनवाई 25 फरवरी को होगी. बीते 11 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन समय अभाव के कारण सुनवाई नहीं हो पाई थी और अगली डेट 18 फरवरी के लिए लगाई लेकिन एक बार फिर सुनवाई नहीं हुई.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा की इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. इसके चलते सुप्रीम कोर्ट से डेट मिल रही. अमरेंद्र ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं. सरकार से मांग करते हैं. लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही. सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं. अमरेंद्र पटेल ने कहा कि वह अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा घेराव की तैयारी में हैं. सरकार बताएं कि वह क्यों इस मामले पर बार बार पीछे भाग रही है.
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अमरेंद्र पटेल ने कहा की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर - दर की ठोकर खा रहे हैं. जबकि हमें हाईकोर्ट डबल बेंच ने न्याय देते हुए फैसला हमारे पक्ष में सुनाया है. सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है. हाई कोर्ट डबल बेंच का फैसला आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिन लगातार धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल, मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का घेराव भी किया था.
अब एक बार फिर 25 जनवरी 2025 से इन अभ्यर्थियों का धरना इको गार्डन में जारी है. अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का ऑर्डर, सभी उनके पक्ष में हैं. लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है.
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