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उन्नाव: कागजों पर चल रही गौशाला, करोड़ों रुपये का चारा खा रहे आवारा पशु

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में आवारा मवेशियों का झुंड सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के तमाम दावों की पोल खोल रहा है. कागजों पर चल रही इन गौशालाओं में बंद हज़ारो मवेशियों के नाम पर करोड़ो का चारा घोटाला भी किया जा रहा है.

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Published : Jul 23, 2019, 3:07 PM IST

गौशालाओं में बंद हज़ारो मवेशियों के नाम पर करोड़ो का चारा घोटाला.

उन्नाव: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों को गौशाला बनाकर रखने के निर्देश दिए हों. इसके लिए करोड़ों रुपये का फंड भी रिलीज कर दिया हो, लेकिन उन्नाव में अभी भी आवारा मवेशी सड़कों पर ही पनाह लेने को मजबूर हैं, जिससे आये दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.

गौशालाओं में बंद हज़ारो मवेशियों के नाम पर करोड़ो का चारा घोटाला.

जानिए क्या है पूरा मामला:

  • उन्नाव के राजधानी मार्ग पर बैठे आवारा मवेशियों का झुंड योगी आदित्यनाथ के दावों की पोल खोल रहा है.
  • मुख्यमंत्री आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखने के दावे करते हैं.
  • कागजी कार्रवाई में सब लिखा है, लेकिन अधिकारी झूठी वाहवाही लूटने में जुटे हैं.
  • उन्नाव में अधिकारियों का इस योजना से कोई वास्ता दिखता नज़र नहीं आ रहा है.
  • अधिकारियों को मुख्यमन्त्री की आवारा मवेशियों को गौशाला में रखने की महत्वाकांक्षी योजना से कोई सरोकार नही है.
  • कागजों को चुस्त-दुरुस्त कर एक सैकड़ा से अधिक गौशाला बनाये जायेंगे.
  • हज़ारों मवेशियों के होने की बात करके अधिकारी झूठी वाहवाही लूटने में जुटे हैं.

आवारा जानवर की हिंसा का शिकार होकर आज अस्पताल के आई सी यू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
-दिलीप ,घायल के परिजन

उन्नाव: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों को गौशाला बनाकर रखने के निर्देश दिए हों. इसके लिए करोड़ों रुपये का फंड भी रिलीज कर दिया हो, लेकिन उन्नाव में अभी भी आवारा मवेशी सड़कों पर ही पनाह लेने को मजबूर हैं, जिससे आये दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.

गौशालाओं में बंद हज़ारो मवेशियों के नाम पर करोड़ो का चारा घोटाला.

जानिए क्या है पूरा मामला:

  • उन्नाव के राजधानी मार्ग पर बैठे आवारा मवेशियों का झुंड योगी आदित्यनाथ के दावों की पोल खोल रहा है.
  • मुख्यमंत्री आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखने के दावे करते हैं.
  • कागजी कार्रवाई में सब लिखा है, लेकिन अधिकारी झूठी वाहवाही लूटने में जुटे हैं.
  • उन्नाव में अधिकारियों का इस योजना से कोई वास्ता दिखता नज़र नहीं आ रहा है.
  • अधिकारियों को मुख्यमन्त्री की आवारा मवेशियों को गौशाला में रखने की महत्वाकांक्षी योजना से कोई सरोकार नही है.
  • कागजों को चुस्त-दुरुस्त कर एक सैकड़ा से अधिक गौशाला बनाये जायेंगे.
  • हज़ारों मवेशियों के होने की बात करके अधिकारी झूठी वाहवाही लूटने में जुटे हैं.

आवारा जानवर की हिंसा का शिकार होकर आज अस्पताल के आई सी यू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
-दिलीप ,घायल के परिजन

Intro:उन्नाव:-सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही सड़को पर घूम रहे आवारा मवेशियों को गौशाला बनाकर रखने के निर्देश दिए हो और इसके लिए करोड़ो रूपये का फंड भी रिलीज कर दिया हो लेकिन उन्नाव में अभी भी आवारा मवेशी सड़को पर ही पनाह लेने को मजबूर है जिससे आये दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है हालांकि अधिकारियों की दलीलों पर यकीन करें तो भले ही यहां कागजो पर गौशालाएं चल रही है और इन गौशालाओं में बंद हज़ारो जानवर हर माह करोड़ो का चारा भी खा रहे है लेकिन जमीनी हालात चौकाने वाले है etv भारत के कैमरे में कैद आवारा मवेशियों की दुर्दशा की तस्वीर अधिकारियों की सारी दलीलों को झुठलाने के लिए काफी है।






Body:उन्नाव के राजधानी मार्ग पर सड़क के बीच मे बैठा आवारा मवेशियों का ये झुंड सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के उन दावों की पोल खोल रहा है जिसमे मुख्यमन्त्री आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखने के दावे करते है दरहसल उन्नाव में बेखौफ हो चुके अधिकारियों को मुख्यमन्त्री की आवारा मवेशियों को गौशाला में रखने की महत्वाकांक्षी योजना से कोई सरोकार नही है कागजो को चुस्त दुरुस्त कर एक सैकड़ा से अधिक गौशाला बनाये जाने के साथ ही उसमें हज़ारो मवेशियों के होने की बात करके अधिकारी झूठी वाहवाही लूटने में जुटे है वही हैरानी की बात तो ये है कागजो पर चल रही इन गौशालाओं में बंद हज़ारो मवेशियों के नाम पर करोड़ो का चारा घोटाला भी किया जा रहा है हालात ये है कि आवारा मवेशी अभी भी खुले आम सड़को पर घूम रहे है जिससे मार्ग दुर्घटना के साथ ही लोग इन जानवरों की हिंसा का भी शिकार हो रहे है उन्नाव के हसनगंज के रहने वाले प्रदीप ऐसे ही एक आवारा जानवर की हिंसा का शिकार होकर आज अस्पताल के आई सी यू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे है।

बाईट--दिलीप (घायल के परिजन)


Conclusion:

वही हैरानी की बात तो ये है कि जिले के अधिकारी जमीन पर काम करने की बजाय सिर्फ कागजो को ही दुरुस्त करने में जुटे है और आल इस वेल के दावे भी कर रहे है हालांकि etv भारत के कैमरे में कैद सड़को पर बैठे आवारा मवेशियों की तस्वीरों को देखने के बाद अधिकारी उन्नाव वासियों को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे है।

बाईट--प्रमोद कुमार सिंह (मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-983975700

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