लखनऊः देश भर में विजयादशमी का त्यौहार धूमधमा से मनाया गया. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में विजयादशमी पर्व पर बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में रावण और उसके भाइयों के पुतले का दहन किया गया. कारीगरों द्वारा बनाए गए विशाल पुतलों को पटाखों आदि से सजाया गया था. इसके साथ रामलीला का समापन भी रावण वध के साथ हुआ. वहीं, मिर्जापुर में अनोखे तरीके से रावण का वध किया गया.
मिर्जापुर में लोहे के रावण का हुआ वध
जहां पूरे देश भर में रावण दहन किया गया तो मिर्जापुर के ड्रमंडगंज रामलीला मैदान में रावण के सिर कलम किया गया है. आजादी के पहले से ही यह परंपरा चली आ रही है. रावण के सिर कलम को देखने के लिए मध्य प्रदेश, प्रयागराज, सोनभद्र मिर्जापुर के लोग मौजूद रहे. राम-रावण युद्ध के बाद सिर कलम होने पर पूरा रामलीला मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज मान हो गया. रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अंजनी सोनी ने बताया कि दशहरा मेले का आयोजन दशकों चली आ रही है. दशहरा पर्व पर लोहे के रावण को रामलीला मैदान में पहुंचा दिया जाता है. राम रावण के युद्ध के बाद लोहे के रावण के सिर को कलम कर दिया जाता है. इसके बाद लोहे को सुरक्षित रख लिया जाता है.
राम-रावण युद्ध की निकाली गई शोभा यात्रा
फर्रुखाबाद में श्रीराम लीला मंडल द्वारा शहर के सरस्वती भवन में भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध शुरू हुआ. बाजे-गाजे के साथ जगह-जगह श्रीराम सहित लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और माता सीता, बजरंग बली हनुमान की आरती उतारी गई. श्रीराम और रावण का युद्ध रेलवे रोड, चौक, नेहरू रोड, ग़ामना, लाल दरवाजा, रोडबेज बस अड्डा होते हुए क्रिश्चियन माउंट ग्राउंड में पंहुचा. जहां श्रीराम का लंका पति रावण से भीषण युद्ध हुआ. डोली भूमि गिरत दसकंधर, क्षुभित सिंधु सर दिग्गज भूधर की चौपाई गूंजी और श्रीराम ने रावण को धराशाई कर दिया. रावण के धराशायी होते ही चौतरफा जय-जय श्रीराम के जयघोष गूंज उठते हैं. इसके साथ रावण के निशान पुतले को आग के हवाले कर दिया गया.
प्रयागराज में भगवान राम की सेना ने किया रावण दहन
वहीं, प्रयागराज में पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से ककरहा घाट पर भगवान राम और उनकी सेना ने रावण का दहन किया गया. इसके बाद ककरहा घाट जय श्री राम के नारे से गूंज उठा, इस ख़ास दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी ककरहा घाट पर पहुंचें थे. रावण दहन के साथ पूरा एरिया तालियों की गड़गड़ाहट और जय श्री राम के उद्घोष से राम मय हो गया. रावण दहन के बाद शहर की दोनों बड़ी कमेटी द्वारा भव्य झांकियां का प्रदर्शन किया जाता है. यह सिलसिला पूरे रात चलता है. जिसमें हजारों संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं.
रामलीला मैदान में 30 फुट ऊंचे रावण का दहन
इटावा के रामलीला मैदान में 30 फुट ऊंचा रावण दहन किया गया. करीब 150 वर्षों से इस मैदान में रामलीला का मंचन और रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. 15 दिन तक यहा रामलीला का आयोजन हुआ. राम ने अपने धनुष बाण से रावण की नाभि भेदकर उसका वध कर दिया. इसके बाद रावण का पुतला दहन किया गया. मेघनाद और कुंभकरण के पुतले नहीं जलाए गए.
लखनऊ में दशहरा की धूम, जगह-जगह किया गया रावण दहन
राजधानी लखनऊ में जगह-जगह रावण के पुतले दहन किए गए. ऐशबाग रामलीला ग्राउंड में सबसे बड़े 60 फीट ऊंचे रावण का पुतले का दहन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सरोजिनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह मेयर सुषमा खारवाल शामिल हुए. इस बार मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला नहीं जलाया गया. वहीं, सुशांत गोल सिटी थाना क्षेत्र में मोबाइल व फास्ट फूड रूपी रावण का दहन किया गया. छोटे-छोटे बच्चों ने मिलकर मोबाइल और फ़ास्ट फ़ूड वाला रावण फूंका. चिनहट बाजार में प्रतिवर्ष के बाद इस बार भी दशहरे मेले के लिए भारी भीड़ जुटी. लगभग 9:00 बजे चिनहट बाजार में लगाए गए 40 फीट के रावण का दहन किया गया. राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल के छठे तल पर शनिवार को इससे वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमे बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हुए विजयदशमी के उपलक्ष पर स्त्री वेलफेयर फाउंडेशन ने अनूठा प्रयास किया. संस्था ने विजय दशमी पर रावण को कैंसर का रूप बताया.
इसे भी पढ़ें-प्रयागराज में दशहरे पर व्यापारियों ने किया शस्त्र पूजन और हुआ रावण दहन