उन्नाव: जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों और बेघरों को आशियाना बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की बात कर रहे हैं. वहीं उन्नाव में प्रधानमंत्री की यह महत्वाकांक्षी योजना नकली सीमेंट कारोबारियों और लापरवाह अधिकारियों की भेंट चढ़ रही है. हालात यह कि नकली सीमेंट के प्रयोग से गरीबों के आशियाने बनने से पहले ही धराशायी हो रहे हैं.
हैरत की बात तो यह है कि इन कारोबारियों की शिकायत के बावजूद प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है. अपने जेवर और गहने गिरवी रखकर मकान बनवाने वाले लाभार्थी कार्रवाई की आस में दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
नकली सेमेंट के कारण धराशायी हो रहे आशियाने
- मामला मोहान नगर पंचायत का है.
- गरीबों और बेसहारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए गए.
- लाभार्थियों को 2 लाख 50 हजार रुपये की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी गई.
- वहीं आवास को बेहतर बनाने के लिए लाभार्थियों ने अपने जेवर बेचकर और पैसों का प्रबंध किया.
- आवास बन कर तैयार हो गए लेकिन कुछ ही दिनों के बाद घर की छत गिर गई.
- लाभार्थियों का आरोप है कि सीमेंट विक्रेता ने मिलावटी सेमेंट बेची थी.
- इसकी शिकायत लाभार्थियों ने अधिकारियों से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
- जिलाधिकारी ने सीमेंट का सैंपल लेकर रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की बात कही है.
हमको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला. चार लाख की लागत से घर के निर्माण का सारा सामान ले लिया गया. इसके लिए गहनों को भी बेच दिया था. जब छत बनने लगी तो मिस्त्री ने बताया कि सेमेंट खराब है. इसकी शिकायत चौकी पर की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
जाहिरा, आवास लाभार्थी
जिस तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो मकान बन रहे थे. वो गिर गए. हमें इसका अफसोस है. हम उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हमने इसकी कई जगह शिकायत की लेकिन हर जगर से निराशा ही मिली है.
हयात रसूल, अध्यक्ष नगर पंचायत
मोहान नगर पंचायत में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत कार्य हो रहा था. उसमें शिकायत आई थी कि सीमेंट की मिलावट के कारण घर की छतें गिर गई थी. एसडीएम को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.
राजेश प्रजापति, मुख्य विकास अधिकारी