कानपुर: जब-जब कानपुर में गंगा का जिक्र होता है तो कहीं ना कहीं गंगा के प्रदूषण की भी बातें सामने आती हैं. गंगा में प्रदूषण का मुख्य कारण गंगा किनारे बसी टेनरियों को ही माना जाता है. हालांकि अब प्रयागराज में शुरू होने जा रहे आस्था के कुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं को शुद्ध गंगा का जल मिल सके, इसके लिए टेनरी संचालकों ने एकजुट होकर सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की ओर से जारी आदेश के तहत कानपुर में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक 200 से अधिक टेनरियों का संचालन रोस्टर के मुताबिक होगा. इसे यूं भी कह सकते हैं 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक लगभग 200 टेनरियों में गीला काम बिल्कुल भी नहीं होगा. इसके लिए जो रोस्टर जारी हुआ है, सभी टेनरी संचालक उस रोस्टर को फॉलो करेंगे.
टेनरी संचालक बोले, गंगा को गंदा नहीं करेंगे: प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन से पहले टेन्योर के संचालन न होने को लेकर टेनिस संचालकों ने कहा है कि उन्हें किसी तरीके की परेशानी नहीं है. सरकार के लिए गए निर्णय के साथ हैं. काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने कहा कि प्रयागराज में जैसे ही महाकुंभ के आयोजन की जानकारी मिली थी तो उसे देखते हुए टेनरी संचालकों ने अपने कारोबार की भी प्लानिंग पहले ही कर ली थी. टेनरी नहीं चलेंगी तो इससे संचालकों को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने जो भी ऑर्डर लिए थे या जो भी माल विदेशों में भेजा जाना था उसके लिए सारी योजना बना ली है. टेनरी संचालक गंगा को दूषित नहीं करेंगे. वहीं, इस मामले पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के अध्यक्ष आरके जालान ने कहा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन सभी केंद्रीय संचालक करेंगे. इस बाबत सीएलई की ओर से भी जानकारी उन्हें दे दी गई है.
कब-कब बंद रहेंगी टेनरियां
- पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति स्नान के लिए 10 से 14 जनवरी तक.
- मौनी अमावस्या स्नान के लिए 26 से 29 जनवरी तक.
- बसंत पंचमी स्नान के लिए 31 से 3 फरवरी तक.
- माघी पूर्णिमा स्नान के लिए 09 से 12 फरवरी तक.
- महाशिवरात्रि स्नान के लिए 23 से 26 फरवरी तक.