उन्नाव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि स्कीम की 8वीं किस्त जारी की. साथ ही किसानों के साथ वर्चुअल संवाद भी किया. इसमें उन्नाव के अरविंद भी शामिल रहे. अरविंद ने बताया कि उन्हें लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारी ने स्टाल लगाने पर सम्मानित भी किया है.
प्रधानमंत्री ने दी अरविंद को सलाह
उन्नाव जिले के सिकंदरपुर सरोसी के रहने वाले किसान अरविंद निषाद ने अपने अनुभव प्रधानमंत्री मोदी को बताए. पीएम मोदी ने अरविंद निषाद को पॉलिथीन का प्रयोग न करने का सुझाव भी दिया. किसान अरविंद ने कहा की उनका लक्ष्य है कि लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले. इसको लेकर वो किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
समूह के जरिए किसानों को जोड़ा
अरविंद सब्जी, चावल, मूंगफली उगा रहे हैं. उन्होंने समूह के जरिए किसानों को जोड़ रखा है. इसके साथ ही FPO ( किसानों से जुड़ा हुआ समूह ) में 250 लोगों को जोड़ा है. किसान अरविंद निषाद ने बताया कि वह कई चीजों की जैविक खेती कर रहे हैं. किसानों को जागरूक कर रहे हैं.
उन्नाव के लिए खास दिन
डीएम रविन्द्र कुमार ने कहा की किसान अरविंद जैविक खेती कर रहे हैं. किसानों को जिला प्रशासन लगातार जैविक खेती के लिए जागरूक कर रहा है. डीएम रवींद्र कुमार ने बताया की आज यह उन्नाव के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि देश में जो 6 किसान चुने गए थे, उसमें हमारे उन्नाव जनपद के किसान अरविंद से हमारे देश के प्रधानमंत्री ने बात की. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम लोग एक साल से काम कर रहे थे. कई मीटिंग में हमने जैविक खेती करने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया. जिनसे आज प्रधानमंत्री ने बात की है, उन्हें भी खेती के लिए मेरे द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. विभिन्न जनपदों में जहां-जहां कृषि विभाग का स्टाल लगता था, वहां अरविंद जाकर अपना स्टॉल लगाते. साथ ही रिकॉर्ड बिक्री भी की है. जिलाधिकारी ने सम्पूर्ण जनपद वासियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्नाव जनपद के किसान ने प्रधानमंत्री से बात की यह जनपद वासियों के लिए गौरवशाली क्षण हैं.
डेढ़ साल पहले शुरू की जैविक खेती
डेढ़ साल पहले सरकार ने नमामि गंगे योजना के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा देने की शुरुआत की, जिससे अरविंद काफी प्रभावित हुए. उन्होंने जैविक खेती की जानकारी लेने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया. अरविंद जीवामृत नामक खुद की दवा बनाते हैं, जिससे फसल में कोई रोग नहीं लगता है. अरविंद खाद की जगह केंचुए से तैयार की गई वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं और काला नमक चावल की पैकिंग भी करते हैं.
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पिछले डेढ़ साल में अरविंद ने जैविक विधि से खेती करके काला नमक प्रजाति का चावल, गेहूं, तिल, मूंगफली, खरबूजा, तरबूज, पपीता की फसल तैयार की. नमामि गंगे जैविक कृषक नाम से समूह गठित करके किसानों को जोड़ा. भारत सरकार की ओर से संचालित इंडिया ग्रीन पोर्टल द्वारा अरविंद को जैविक खेती का प्रमाणपत्र भी मिल चुका है.
अरविंद ने की है बीएससी की पढ़ाई
अरविंद निषाद की उम्र 25 साल है. अरविंद ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई बीएससी गणित से करने के बाद जैविक खेती पर काम करना शुरू किया. वह अपने खेतों में किसी प्रकार की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते न ही कोई रासायनिक और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करते हैं. वह खुद की बनाई गई दवा और खाद का इस्तेमाल अपने खेत में करते हैं.