उन्नाव: डेंगू और मलेरिया की मार झेल रहे उन्नाव में अब फाइलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है. इसको लेकर अधिकारी बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा वितरित कर रहे हैं. हालांकि अधिकारी फाइलेरिया का प्रकोप बढ़ने के पीछे टेनरियों के गंदे पानी को बता रहे हैं. साल दर साल फाइलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
जिले में बढ़ रहा फाइलेरिया का प्रकोप
- टेनरियों के गंदे पानी और शहर में ड्रेनेज सिस्टम न होने से फैली गंदगी से फाइलेरिया नामक बीमारी पांव पसार रही है.
- जिला मलेरिया अधिकारी के अनुसार गंदगी की वजह से मच्छरों के पनपने से फाइलेरिया के मरीजों में इजाफा हो रहा है.
- आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष लगभग 3500 फाइलेरिया के मरीज चिन्हित किए गए थे.
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साल दर साल बढ़ते मरीजों को देखते हुए इस बार फाइलेरिया के दवा की संख्या भी बढ़ाई गई है. दो की जगह अब तीन टेबलेट लोगों को खिलाई जाएगी. अधिकारियों की मानें तो भारत सरकार द्वारा इस बार लॉन्च की गई आइवर मेक्टिन फाइलेरिया की दवा है. दो साल तक के बच्चे, गर्भवती महिला और बुजुर्गों को छोड़कर सभी लोगों को फाइलेरिया की यह दवा खिलाई जाएगी. इस बार बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर तीन सालों में फाइलेरिया मुक्त उन्नाव बनाने का भी अधिकारी दावा कर रहे हैं.