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उन्नाव: जान हथेली पर रखकर ग्रामीण पार कर रहे लकड़ी का जर्जर पुल

उन्नाव जिले के एक गांव में नदी को पार करने के लिए ग्रामीण लकड़ी के जर्जर पुल से होकर गुजर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन से शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण.
जर्जर पुल से गुजरने को मजबूर ग्रामीण.
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Published : Aug 13, 2020, 10:15 AM IST

उन्नाव: जिले की हसनगंज तहसील के मिर्जापुर अजिगांव से होकर सई नदी गुजरती है. इस नदी को पार करने के लिए लकड़ी का पुल बनाया गया है, जो कि अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बावजूद इसके दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ग्रामीणों को पुल पार करना होता है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से कई बार कहने के बाद भी पुल की मरम्मत नहीं करवाई गई, न ही दूसरे पुल का निर्माण करवाया गया.

जर्जर पुल से गुजरने को मजबूर ग्रामीण.

उन्नाव के औरास विकास खंड के मिर्जापुर अजिगांव से होकर गुजरी सई नदी अब यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गयी है. इस सई नदी पर पुल न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के कुछ लोगों ने मिलकर नदी पर करीब 60-70 मीटर का लकड़ी का पुल बनाया है. जिससे वे लोग अपनी रोजमर्रा के कामों के लिए पुल को पार करते हैं.

लोगों का कहना है कि पुल से गुजरना कोई साधारण काम नहीं है. पुल पर चलते समय हर वक्त सभी को यही डर लगा रहता है कि कोई दुर्घटना का शिकार न हो जाए. इस पुल से रानी खेड़ा, मोहन खेड़ा, महबूब खेड़ा, कुशल खेड़ा नई बस्ती समेत समेत कई गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इसको पार करने को मजबूर हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि नेताओं और अधिकारियों से शिकायत करके थक चुके हैं. नेता या विधायक सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने के लिए आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो अपने वादों को पूरा करना ज़रूरी नहीं समझते हैं.

स्थानीय मोहान विधायक ब्रजेश रावत का कहना है कि स्थलीय निरीक्षण कर माननीय उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था. डिप्टी सीएम की तरफ से सई नदी पर पीपे का अस्थाई पुल बनवाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कोरोना के कारण सभी काम रुक गए हैं. जल्द ही नदी पर पुल का निर्माण करवाया जाएगा.

उन्नाव: जिले की हसनगंज तहसील के मिर्जापुर अजिगांव से होकर सई नदी गुजरती है. इस नदी को पार करने के लिए लकड़ी का पुल बनाया गया है, जो कि अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बावजूद इसके दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ग्रामीणों को पुल पार करना होता है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से कई बार कहने के बाद भी पुल की मरम्मत नहीं करवाई गई, न ही दूसरे पुल का निर्माण करवाया गया.

जर्जर पुल से गुजरने को मजबूर ग्रामीण.

उन्नाव के औरास विकास खंड के मिर्जापुर अजिगांव से होकर गुजरी सई नदी अब यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गयी है. इस सई नदी पर पुल न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के कुछ लोगों ने मिलकर नदी पर करीब 60-70 मीटर का लकड़ी का पुल बनाया है. जिससे वे लोग अपनी रोजमर्रा के कामों के लिए पुल को पार करते हैं.

लोगों का कहना है कि पुल से गुजरना कोई साधारण काम नहीं है. पुल पर चलते समय हर वक्त सभी को यही डर लगा रहता है कि कोई दुर्घटना का शिकार न हो जाए. इस पुल से रानी खेड़ा, मोहन खेड़ा, महबूब खेड़ा, कुशल खेड़ा नई बस्ती समेत समेत कई गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इसको पार करने को मजबूर हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि नेताओं और अधिकारियों से शिकायत करके थक चुके हैं. नेता या विधायक सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने के लिए आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो अपने वादों को पूरा करना ज़रूरी नहीं समझते हैं.

स्थानीय मोहान विधायक ब्रजेश रावत का कहना है कि स्थलीय निरीक्षण कर माननीय उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था. डिप्टी सीएम की तरफ से सई नदी पर पीपे का अस्थाई पुल बनवाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कोरोना के कारण सभी काम रुक गए हैं. जल्द ही नदी पर पुल का निर्माण करवाया जाएगा.

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