उन्नाव: जिले में लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति दिलाने के लिए वर्ष 1996 में पानी की टंकी बनाई गई थी, लेकिन पिछले 3 सालों से गांव के लोगों को टंकी से पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. इसको लेकर गांव के लोगों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
पीने के पानी को तरस रहे गांव के लोग
⦁ जनपद के सफीपुर तहसील के लोगों को फ्लोराइड युक्त पीने के पानी से मुक्ति दिलाने के लिए नैनीखेड़ा गांव में सन् 1996 में राजीव गांधी पेयजल योजना के तहत एक पानी की टंकी बनवाई गई थी.
⦁ कुछ समय तक इस टंकी से गांव के लागों को पानी की सुविधा मिली.
⦁ यह पानी की टंकी अचानक खराब हुई और लोगों को मिलने वाला शुद्ध पानी बंद हो गया.
⦁ ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
इस समस्या को लेकर जल निगम के अधिकारी ने शासन आदेश का हवाला देते हुए ग्राम पंचायत विभाग को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. वहीं ग्राम पंचायत विभाग के अधिकारी इस मामले पर कोई बात करने को तैयार नहीं है.
पीने के पानी की दिक्कत लंबे समय से चल रही है. गांव में लोगों को शुद्ध पानी मिल सके इसलिए पानी की टंकी लगाई गई थी, लेकिन 3साल से टंकी खराब होने के चलते हमलोग हैंडपंप का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
-नान्हा सिंह, ग्रामीण
वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए जियो में यह निहित है कि जो भी ग्राम पेय जल योजनाएं हैं, जो पूर्व निर्मित हैं उन्हें ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया है. अब इन योजनाएं का रख -रखाव ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना है.
-एस के कटियार, एक्स ई एन, जल निगम