उन्नाव :जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने में जुटेउन्नाव के विकास भवन में तैनात कई विभागों के अधिकारीकंडम हो चुके वाहनों से सफर कर रहे हैं.हालात यहहैं कि 30-30 साल पुराने हो चुके वाहनों में जहां कई जगहों पर जंग लगकर उसकी चादर छिन सी गई हैं तो वहीं कई वाहनों में ग्लास तक नहीं हैं.इससे सर्दी और बरसात के मौसम में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इसके बावजूद कईअधिकारीसरकार कीयोजनाओं को जनता तक पहुंचाने में लगे हुए हैं. इनकंडम वाहनों कीहालत इतनी बुरी है कि ना तो इनके ब्रेक काम करते हैं और ना ही लाइटें.ड्राइवरों की माने तो अक्सर रास्ते में ही वाहन खराब हो जाते हैं और कई बार दुर्घटनाएं होते-होते रह जातीहैं. यही नहीं, इन वाहनों के फिटनेस से लेकर रजिस्ट्रेशन तक के प्रमाण पत्र मौजूद नहीं हैं.
कंडम हो चुके वाहनों कीलाइटें भी बहुत कम रोशनी देती हैं, जिससे शाम होने के बाद रोड पर चलना मतलब मौत को दावत देने के बराबर है.ऐसे में मानको को दरकिनार कर ये सरकारी वाहन परिवहन विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
वहीं, जब सड़क सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा की बात करने वाले आरटीओ विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि एक वाहन 15 साल के लिए ही पंजीकृत होता है. उसके बाद वाहन की फिटनेस टेस्ट लेने के बाद ही उन्हें रोड पर चलाने की अनुमति दी जाती है. इसके अलावा, जबमांगों को दरकिनार करने वाले इन सरकारी वाहनों के बारे में पूछा गया तो अधिकारी समय-समय पर जांच करके कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.