उन्नाव: अब किसानों को जानवरों से फसल की रखवाली को खेत में रात नहीं बितानी पड़ेगी. दूध निकालकर पशुओं को छोड़ देने वाले पशुपालकों से अब पुलिस निपटेगी. सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए पशुपालकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. घूम रहे पशुओं के चिन्हांकन के लिए पुलिस अब इनके पीछे दौड़ेगी और उनके मालिक का पता लगाकर कार्रवाई करेगी. इसके लिए पशुपालन विभाग को भी निर्देशित किया गया है.
वहीं, उच्चाधिकारियों का आदेश है कि क्षेत्राधिकारी व एसओ सुनिश्चित कर लें कि किसी भी सूरत में जानवर फसल का नुकसान न कर पाए. पशुओं का दूध निकाल कर उन्हें छोड़ने वाले पशुपालकों का चित्रांकन पशुपालन विभाग की मदद से करें. ऐसे लोगों को पाबंद करने के साथ कड़ी कार्रवाई करें. किसी भी थाना क्षेत्र में सरकारी भवन, अस्पताल, स्कूल या अन्य जगह पर जानवरों को बंद किए जाने की घटना पर एसओ और चौकी प्रभारी बख्शे नहीं जाएंगे.
अपराधियों से निपटने के साथ फसल की सुरक्षा का जिम्मा भी पुलिस को दिया गया है. निर्देश का अनुपालन करने के लिए पुलिसकर्मियों ने हामी भर दी मगर वर्तमान के हालात देख वह खुद को कोसने से भी नहीं बच पा रहे हैं. उनका कहना है कि चौकी में महेज दो से तीन पुलिसकर्मियों की तैनाती है. इन के सहारे अपराधियों को पकड़े या गोवंश के पीछे भागे.
बता दें कि, उन्नाव में आवारा जानवरों को सरकारी भवन जैसे कि स्कूल मिनी सचिवालय वह अस्पताल में जानवरों को बंद करने की घटनाएं बढ़ रही थी जिनको दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन ने किसानों की राहत के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. हालांकि, देखने वाली बात यह है कि उन्नाव जिला प्रशासन किस तरीके से इस आदेश पर अमल लाता है या आदेश कागजों में दफन हो जाएगा.