उन्नावः उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित विकास नगर में बीते 2 माह से लापता दलित लड़की का आज शव मिलने से सनसनी फैल गई. इस मामले में उन्नाव पुलिस अधीक्षक ने सदर कोतवाली इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके बाद चार्ज एसएसआई को सौंप दिया है. वहीं पुलिस अधीक्षक ने चुनाव आयोग को कोतवाली में तैनाती हेतु इंस्पेक्टरों के नाम भेज दिए हैं. मृतक युवती की मां ने पुलिस पर सपा सरकार में मंत्री रहे स्व. फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह से मिली भगत और लापरवाही का आरोप लगाया है.
अपर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कल 2 माह से लापता लड़की का शव आरोपी के घर के पीछे मिला था. जिस पर उन्नाव पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए मौजूदा इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है. साथ ही चार्ज एसएसआई को सौंप दिया है.
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अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं सूरज नाम के एक युवक को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. मामला सदर कोतवाली काशीराम कॉलोनी का है. यहां रहने वाली दलित महिला रीता की बेटी पूजा पिछले दिसंबर माह की 8 तारीख से गायब थी. पीड़ित मां ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था. सपा के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेह बहादुर के बेटे से जुड़ा होने के चलते पुलिस लगातार मामले में टालमटोल करती दिखी. लापता बेटी के लिए कोई ठोस कदम न उठाए जाने और आरोपी राजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़ित मां कई बार आला अधिकारियों से मिली, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब कुछ शून्य रहा.
कुम्भकर्णीय नींद में सो रहे जिम्मेदारों से परेशान मां ने तंग आकर अंत में 24 जनवरी को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गाड़ी के आगे कूद कर आत्मदाह की कोशिश की थी. मामला लखनऊ पहुंचने पर उन्नाव पुलिस के हाथ-पैर फूल गए. जिसके बाद उन्नाव कोतवाली पुलिस ने आनन-फानन 25 जनवरी को आरोपी राजोल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
युवती का पता नहीं चलने से बीते 4 फरवरी को पुलिस ने आरोपी राजोल सिंह को पीसीआर रिमांड पर लेकर पूछताछ की, लेकिन सफलता नहीं मिला. इसके बाद एसओजी टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से मिले इनपुट के आधार आरोपी के साथी सूरज सिंह को उठा कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने रजोल के साथ मिलकर युवती की हत्या के उसे दफनाने की बात कबूल कर ली.
इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर निर्धारित स्थान पर खुदाई करवाई और जमीन से 7 फिट नीचे युवती का शव पुलिस ने बरामद कर लिया. आरोपी राजोल सिंह के पिता द्वारा बनवाये गए दिव्यानंद आश्रम के बगल में खाली पड़ी जमीन से शव बरामद किया गया. पुलिस ने शव को मजिस्ट्रेट और परिजनों की मौजूदगी में निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उधर युवती की मां ने सदर कोतवाली पुलिस पर आरोपी रजोल सिंह के साथ मिली भगत होने का आरोप लगाया है.
मृतका की मां का कहना है कि वह लगातार पुलिस से अपनी बेटी को ढूंढने की गुहार लगा रही थी, लेकिन पुलिस की आरोपी रजोल सिंह से मिलीभगत थी. पीड़ित मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोतवाल अखिलेश पाण्डेय और चौकी इंचार्ज प्रेम प्रकाश दीक्षित लगातार उसे लगातार अपशब्द कहते थे और बेटी को सामने लाकर 4 लाख रुपये वसूली करने का आरोप लगाया था. युवती की लाश मिलने के बाद उन्नाव पुलिस अब सवालों के घेरे में है.
उन्नाव में अपहरण के बाद दलित युवती की हत्या को लेकर परिवार की उन्नाव पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी सामने आयी. युवती के माता-पिता गंगा तट पर बेटी का अंतिम संस्कार न करने पर अड़ गए थे. पिता मुकेश कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. साथ ही दोषियों को फांसी की सजा और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी मांग की. माता-पिता ने गंगा नदी में कूदकर जान देने की प्रशासन को धमकी दी. इस कारण उन्नाव जिला प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई.
करीब 3 घंटे तक परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए एडिशनल एसपी और सिटी मजिस्ट्रेट मनाते रहे, लेकिन बात नहीं बनी. शाम करीब 4 बजे डीएम रविंद्र कुमार और एसपी दिनेश त्रिपाठी जाजमऊ गंगा तट पर पहुंचे. उन्होंने माता-पिता से बातचीत की. डीएम ने परिवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने औरमुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और सरकार की तरफ से सहायता दिलाने का भी आश्वासन दिया. इसके बाद परिजन बेटी अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. गंगा तट पर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार परिवार के लोगों ने युवती का अंतिम संस्कार किया.
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