उन्नाव: जिले में सर्विलांस और एसओजी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. खुद के फर्जी अपहरण की साजिश करना और परिजनों से व्हाट्सएप पर ऑनलाइन फिरौती मांगना युवक को महंगा पड़ गया.
पुलिस परिजनों के द्वारा दी गई तहरीर और व्हाट्सएप पर फिरौती मांगने के मैसेज देखने के बाद एक्टिव हुई और खुद के अपहरण की साजिश रचने वाले युवक की फोटो देखकर पुलिस ने ट्रेन की बोगी से युवक को ट्रेस किया और फर्जी अपहरण की साजिश का खुलासा किया. जहां पुलिस ने निजामाबाद से युवक को पकड़ लिया. जिसका खुलासा एसपी दिनेश त्रिपाठी ने प्रेसवार्ता में किया.
मौरावां थाना क्षेत्र के हिलौली के रहने वाले चंद्रकुमार दुबे के 25 साल का पुत्र आकाश कुमार 17 अप्रैल को सुबह खेत जाने के लिए निकला था, लेकिन वापस घर नहीं लौटा. जिसके बाद परिजनों ने आसपास आकाश की तलाशी की, लेकिन कोई जानकारी न मिलने पर परिजनों ने थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया. जिसके कुछ देर बाद अपहरण के लिए 2 लाख की फिरौती मांगी गई.
गौरतलब है कि खुद के अपहरण की साजिश रचने वाला युवक इतना शातिर था कि ट्रेन में बैठकर खुद का वीडियो शूट करता और उसकी एडिटिंग कर परिजनों को भेजकर उनसे फिरौती मांगता था. परिजनों ने ट्रेन में बैठे युवक की फोटो पुलिस को दी. जिसके बाद सर्विलांस टीम और एसओजी टीम ने मामले की तफ्तीश शुरू की और पुलिस की सर्विलांस और एसओजी टीम ने ट्रेस कर उसे गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक ने खुद ही के अपहरण की साजिश रची थी इस पर पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की है.
एसपी दिनेश त्रिपाठी ने प्रेसवार्ता कर खुलासा करते हुए बताया कि 17 अप्रैल को एक युवक ने खुद के अपहरण की फर्जी साजिश रची. वहीं कुछ देर बाद ही एक व्हाट्सएप नंबर पर 2 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई. युवक ने कुछ गलतियां की जिसके बाद टीमों ने ट्रेस किया. थाना पुलिस और स्वाट सर्विलांस टीम मामले में एक्टिव हुए और 48 घंटे बाद मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर जनपद बिजनौर के रेलवे स्टेशन नजीबाबाद से आकाश को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने खुद ही फिरौती मांगने की बात को स्वीकार किया. जिसके बाद पुलिस ने उसी के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा जा रहा है. फर्जी अपहरण का कारण पूछने पर आकाश ने बताया कि वो सिर्फ 6 हजार की संविदा पर नौकरी करता है, उसने ऐसा सिर्फ परिजनों से पैसे ऐंठने के उद्देश्य से किया था.
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