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उन्नाव रेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार, जानिए पूरे मामले में कब क्या हुआ?

उन्नाव के चर्चित माखी दुष्कर्म कांड में सोमवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दे दिया है. मामले में कोर्ट 19 दिसंबर को सजा सुनाएगा. जानिए इस पूरे मामले में कब और क्या हुआ?

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माखी दुष्कर्म कांड में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार
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Published : Dec 16, 2019, 5:37 PM IST

उन्नाव: जिले के माखी गांव के चर्चित दुष्कर्म कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पहले से तय तारीख व समय के मुताबिक सोमवार को अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले में जिले के बांगरमऊ विधानसभा से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है. वहीं उनकी सहयोगी शशि सिंह को रेप व अपहरण के मामले में बरी कर दिया गया है.

उन्नाव रेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार.

दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पिटाई और उसकी मौत के बाद तूल पकड़ने वाले इस मामले ने 20 माह में कई बार करवट ली. उन्नाव की लोअर कोर्ट से शुरू होकर रायबरेली सड़क हादसे के बाद मामला दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट तक पहुंचा. वहीं थाना पुलिस एसआईटी और सीबीआई तक ने मामले की जांच की. बीते दिनों सारी कार्रवाई जांच गवाही व कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, जिसे सोमवार को सुनाया गया.


दरअसल उन्नाव रेपकांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को करीब 20 माह पूर्व 13 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में है. रायबरेली हादसे के बाद विधायक को तिहाड़ जेल भेज दिया गया.


उन्नाव जिला स्थित माखी गांव निवासी एक किशोरी ने जून 2017 में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. आरोप लगाने के बाद किशोरी अचानक गायब हो गई थी. जिसके बाद घर वालों के थाने में शिकायत करने के 9 दिन बाद वह औरैया जिले के एक गांव में मिली थी.


उन्नाव रेपकांड में कब-क्या हुआ.... आइए डालते हैं एक नजर:

  • 4 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को पीटा गया. पुलिस ने घायल के खिलाफ रिपोर्ट लिख अस्पताल भेज दिया.
  • 5 अप्रैल 2018 अस्पताल से पीड़िता के घायल पिता को जेल भेजा गया.
  • 7 अप्रैल 2018 विधायक उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया.
  • 8 अप्रैल 2018 दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
  • 9 अप्रैल 2018 विधायक के भाई अतुल सिंह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
  • 10 अप्रैल 2018 विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल की गिरफ्तारी हुई.
  • 11 अप्रैल 2018 एसआईटी ने माखी गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी.
  • 12 अप्रैल 2018 सीबीआई ने विधायक पर दुष्कर्म व आरोपी सिंह पर सहयोग का मुकदमा दर्ज किया.
  • 13 अप्रैल 2018 रात में सीबीआई ने विधायक को गिरफ्तार किया.
  • 14 अप्रैल 2018 सीबीआई द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया.
  • 15 अप्रैल 2018 सीबीआई ने आरोपी विधायक को रिमांड पर लिया.
  • 28 अप्रैल 2018 रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया.
  • 8 मई 2018 विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेजा गया.
  • 28 अगस्त 2019 से मिलने रायबरेली जेल जाते समय रेप पीड़िता की कार का एक्सीडेंट हुआ, जिसमें पीड़िता समेत वकील गंभीर रूप से घायल हो गए.
  • दुर्घटना में पीड़िता की चाची की मौत हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया.
  • विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
  • 26 अक्टूबर 2019 को विधायक के भाई मनोज सिंह सेंगर की मौत हो गई.
  • 20 नवंबर 2018 को मामले में पैरवी कर रहे पीड़िता के चाचा को न्यायालय से वारंट होने पर माखी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया.
  • 22 नवंबर 2018 को उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया.
  • 3 फरवरी 2019 जिला कारागार से दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल भेजा गया, जहां से सुरक्षा कारणों के चलते उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल से भेजा गया. वर्तमान में भी वह वहीं बंद है.

दुष्कर्म आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार सन 2002 में बसपा के टिकट पर जिले की सदर सीट से विधायक बने थे. फिर 2007 में सपा से बांगरमऊ, 2012 में सपा से ही भगवंतनगर और 2017 में भाजपा से दोबारा बांगरमऊ के विधायक बने. तीन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से लगातार चार बार विधायक बनने के कारण कुलदीप सिंह सिंगर का काफी रसूख माना जाने लगा था.

उन्नाव: जिले के माखी गांव के चर्चित दुष्कर्म कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पहले से तय तारीख व समय के मुताबिक सोमवार को अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले में जिले के बांगरमऊ विधानसभा से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है. वहीं उनकी सहयोगी शशि सिंह को रेप व अपहरण के मामले में बरी कर दिया गया है.

उन्नाव रेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार.

दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पिटाई और उसकी मौत के बाद तूल पकड़ने वाले इस मामले ने 20 माह में कई बार करवट ली. उन्नाव की लोअर कोर्ट से शुरू होकर रायबरेली सड़क हादसे के बाद मामला दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट तक पहुंचा. वहीं थाना पुलिस एसआईटी और सीबीआई तक ने मामले की जांच की. बीते दिनों सारी कार्रवाई जांच गवाही व कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, जिसे सोमवार को सुनाया गया.


दरअसल उन्नाव रेपकांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को करीब 20 माह पूर्व 13 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में है. रायबरेली हादसे के बाद विधायक को तिहाड़ जेल भेज दिया गया.


उन्नाव जिला स्थित माखी गांव निवासी एक किशोरी ने जून 2017 में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. आरोप लगाने के बाद किशोरी अचानक गायब हो गई थी. जिसके बाद घर वालों के थाने में शिकायत करने के 9 दिन बाद वह औरैया जिले के एक गांव में मिली थी.


उन्नाव रेपकांड में कब-क्या हुआ.... आइए डालते हैं एक नजर:

  • 4 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को पीटा गया. पुलिस ने घायल के खिलाफ रिपोर्ट लिख अस्पताल भेज दिया.
  • 5 अप्रैल 2018 अस्पताल से पीड़िता के घायल पिता को जेल भेजा गया.
  • 7 अप्रैल 2018 विधायक उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया.
  • 8 अप्रैल 2018 दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
  • 9 अप्रैल 2018 विधायक के भाई अतुल सिंह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
  • 10 अप्रैल 2018 विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल की गिरफ्तारी हुई.
  • 11 अप्रैल 2018 एसआईटी ने माखी गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी.
  • 12 अप्रैल 2018 सीबीआई ने विधायक पर दुष्कर्म व आरोपी सिंह पर सहयोग का मुकदमा दर्ज किया.
  • 13 अप्रैल 2018 रात में सीबीआई ने विधायक को गिरफ्तार किया.
  • 14 अप्रैल 2018 सीबीआई द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया.
  • 15 अप्रैल 2018 सीबीआई ने आरोपी विधायक को रिमांड पर लिया.
  • 28 अप्रैल 2018 रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया.
  • 8 मई 2018 विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेजा गया.
  • 28 अगस्त 2019 से मिलने रायबरेली जेल जाते समय रेप पीड़िता की कार का एक्सीडेंट हुआ, जिसमें पीड़िता समेत वकील गंभीर रूप से घायल हो गए.
  • दुर्घटना में पीड़िता की चाची की मौत हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया.
  • विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
  • 26 अक्टूबर 2019 को विधायक के भाई मनोज सिंह सेंगर की मौत हो गई.
  • 20 नवंबर 2018 को मामले में पैरवी कर रहे पीड़िता के चाचा को न्यायालय से वारंट होने पर माखी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया.
  • 22 नवंबर 2018 को उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया.
  • 3 फरवरी 2019 जिला कारागार से दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल भेजा गया, जहां से सुरक्षा कारणों के चलते उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल से भेजा गया. वर्तमान में भी वह वहीं बंद है.

दुष्कर्म आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार सन 2002 में बसपा के टिकट पर जिले की सदर सीट से विधायक बने थे. फिर 2007 में सपा से बांगरमऊ, 2012 में सपा से ही भगवंतनगर और 2017 में भाजपा से दोबारा बांगरमऊ के विधायक बने. तीन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से लगातार चार बार विधायक बनने के कारण कुलदीप सिंह सिंगर का काफी रसूख माना जाने लगा था.

Intro:उन्नाव के मां की गांव के चर्चित दुष्कर्म कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पहले से तय तारीख व समय के अनुसार आज अपना फैसला सुना दिया है जिस फैसले में उन्नाव के बांगरमऊ विधानसभा से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है वहीं उनकी सहयोगी शशि सिंह को रेप व अपहरण के मामले में बरी कर दिया गया है। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पिटाई और उनकी मौत के बाद तूल पकड़ने वाले इस मामले ने 20 माह में कई बार करवट ली उन्नाव की लोअर कोर्ट से शुरू होकर रायबरेली सड़क हादसे के बाद मामला दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट तक पहुंचा वहीं थाना पुलिस एसआईटी और सीबीआई तक ने मामले की जांच की बीते दिनों सारी कार्रवाई जांच गवाही व कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद मामले पर सुरक्षित कर कर लिया था।जिसका फैसला आज सुनाया गया है।
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को करीब 20 माह पूर्व 13 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है रायबरेली हादसे के बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया।



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माखी गांव निवासी एक किशोरी ने जून 2017 में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था आरोप लगाने के बाद किशोरी अचानक गायब हो गई उसके घर वालों ने थाने में शिकायत की तो 9 दिन बाद वह औरैया के एक गांव में मिली थी वहीं इस मामले में कब क्या हुआ इस पर डालते हैं एक नजर

4 अप्रैल 2018 दुष्कर्म पीड़िता के पिता को पीटा गया पुलिस ने घायल के खिलाफ रिपोर्ट लिखा अस्पताल भेज दिया।
5 अप्रैल 2018 अस्पताल से पीड़िता के घायल पिता को जेल भेजा गया।
7 अप्रैल 2018 विधायक उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।
8 अप्रैल 2018 दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
9 अप्रैल 2018 विधायक के भाई अतुल सिंह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
10 अप्रैल 2018 विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल की गिरफ्तारी हुई।
11 अप्रैल 2018 एसआईटी ने मां की गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी।
12 अप्रैल 2018 सीबीआई ने विधायक पर दुष्कर्म व आरोपी सिंह पर सहयोग का मुकदमा दर्ज किया।
13 अप्रैल 2018 रात में सीबीआई ने विधायक को गिरफ्तार किया।
14 अप्रैल 2018 सीबीआई द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया।
15 अप्रैल 2018 सीबीआई ने विधायक को रिमांड पर लिया।
28 अप्रैल 2018 रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया।
8 मई 2018 विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर भेजा गया।


28 अगस्त 2019 से मिलने रायबरेली जेल जाते समय रेप पीड़िता की कार का एक्सीडेंट हुआ जिसमें वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए उसकी चाची की मौत हो गई उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया और विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया ।
26 अक्टूबर 2019 को विधायक के भाई मनोज सिंह सिंगर की मौत हो गई।
20 नवंबर 2018को मामले में पैरवी कर रहे पीड़िता के चाचा को न्यायालय से वारंट होने पर मां की पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया ।
22 नवंबर 2018 को उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया।
3 फरवरी 2019 जिला कारागार से दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल भेजा गया जहां से सुरक्षा कारणों के चलते उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल से प्रिया गया वर्तमान में भी वह वही बंद है।

दुष्कर्म आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार सन 2002 में बसपा के टिकट पर जिले की सदर सीट से विधायक बने थे फिर 2007 में सपा से बांगरमऊ 2012 में सपा से ही भगवंतनगर और 2017 में भाजपा से दोबारा बांगरमऊ के विधायक बने तीन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से लगातार चार बार विधायक बनने के कारण कुलदीप सिंह सिंगर को अजेय कहा जाने लगा।


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