उन्नाव : सबरीमाला मंदिर मामले में कोर्ट से महिलाओं के प्रवेश को दी गई अनुमति के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने प्रदर्शन किया. भगवान अयप्पा का सम्मान, हिंदू आस्थाओं और परंपरा की रक्षा के लिए तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित कर ज्ञापन एडीएम को दिया. ज्ञापन में हिंदू संगठनों ने न्यायालय के आदेश को हिंदू मान्यताओं की धार्मिक परंपराओं पर आघात करार दिया. उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप कर धार्मिक मान्यताओं की रक्षा करने की मांग की.
विहिप, बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने पन्नालाल पार्क में संयुक्त सभा की. यहां से कार्यकर्ताओं ने विश्व हिंदू परिषद विभागाध्यक्ष सुरेश पांडे, बजरंग दल विभाग संयोजक रघुवीर समर्थ त्रिवेदी, हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री विमल द्विवेदी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने एडीएम बीएन यादव को ज्ञापन दिया. हिंदू संगठनों के नेताओं का कहना है कि धार्मिक आचार विचार परंपरा कैसी हो यह तय करने का अधिकार न्यायालय को नहीं है.
सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी के रूप में प्रतिष्ठित हैं. इससे उसमें महिलाओं के प्रवेश पर रोक है, लेकिन कुछ हिंदू विरोधी ताकतों ने न्यायालय का सहारा लेकर महिलाओं को मंदिर में जबरन प्रवेश कराकर धार्मिक मान्यता पर कुठाराघात किया है.
केरल की सरकार इसके लिए दोषी है. उन्होंने सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की. धरना सभा का संचालन विभाग मंत्री अविनाश और अध्यक्षता विभागाध्यक्ष सुरेश पांडे ने की. विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.