उन्नावः गंगा नदी में पिछले 24 घंटे में 1 मीटर से अधिक जलस्तर बढ़ा है. गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर पहुंचने से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है, जिससे जिले के 100 से अधिक गांव बाढ़ की जद में आने के मुहाने पर खड़े हैं. ऐसे में तटवर्ती इलाकों के लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है.
गंगाघट नगर पालिका परिषद के रिहायशी इलाकों में पानी भरने के साथ ही लोगों का घरों से पलायन शुरू हो गया है. पहाड़ों पर हुई बारिश का कहर अब मैदानी क्षेत्रों को झेलना पड़ेगा. दो साल पहले आई बाढ़ के निशान आज भी गंगा के किनारे बसे गांव में देखे जा सकते हैं. ऐसे में बाढ़ की स्थिति में लोगों को बड़ी चुनौती से जूझना पड़ेगा. फिलहाल जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ आने की स्थिति पर हम पूरी तरीके से अलर्ट हैं. बाढ़ चौकियों के साथ ही बाढ़ राहत केंद्र चिन्हित कर तैयारी कर ली गई है.
गंगा चेतावनी बिंदु पर
उन्नाव जिले में 6 तहसीलों के करीब 3 लाख की आबादी गंगा नदी के किनारे पर बसती है, जो गंगा में उफान आने पर लोगों की जिंदगी को तहस-नहस कर देती है. एक बार फिर उन्नाव में गंगा नदी 112 मीटर के चेतावनी बिंदु को छूने लगी है और गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे गंगा नदी का जल स्तर चेतावनी बिंदु 112 मीटर पहुंच गया. इसी तरह जलस्तर बढ़ने पर गंगा जल्द ही खतरे के निशान 113 मीटर के करीब पहुंच सकती है, जो तबाही का कारण बन सकता है.
इन क्षेत्रों में घुस चुका है पानी
फिलहाल जनपद में बांगरमऊ, सफीपुर, सदर तहसील, बीघापुर तहसील में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इन चारों तहसील के 100 से अधिक गांव और मोहल्ले पानी की चपेट में आ चुके हैं. वहीं सदर तहसील की गंगाघाट नगर पालिका परिषद के मोहल्ला चंप्पा पुरवा, राजीव नगर खंती, कंचन नगर में गंगा नदी का पानी कटान होने से घुस चुका है. कई परिवारों ने पलायन कर अपने सगे संबंधियों के घर को आश्रय स्थल बना लिया है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही जनपद में 2018 की तरह बाढ़ का खतरा देख लोगों की रात की नींद उड़ी हुई है.
बाढ़ का निरीक्षण आज किया गया. गंगा का जलस्तर बढ़ा है. बाढ़ चौकियों के साथ ही बाढ़ राहत केंद्र तैयार हैं. टीम लागातर बाढ़ पर नजर रख रही है. जो बाढ़ राहत केंद्र तैयार किए गए हैं, उनमें covid 19 का भी ख्याल रखा गया है. किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.
-रवींद्र कुमार, डीएम