उन्नाव : आप को बता दें कि उन्नाव पुलिस का विवादों से गहरा नाता है. एक बार फिर उन्नाव पुलिस 12 नवंबर को सुर्खियों में आई थी, जब महिला दारोगा सुनीता चौरसिया व महिला थाना में तैनात सिपाही पर पत्रकार सूरज पांडेय की हत्या का आरोप लगा था.
ये है पूरा मामला-
बता दें कि 12 नवंबर को पत्रकार सूरज पांडे का शव उन्नाव सदर कोतवाली क्षेत्र के शराब मिल के पीछे कानपुर-लखनऊ रेलवे लाइन पर क्षत-विक्षत हालत में मिला था. सूरज की मां ने महिला दारोगा सुनीता चौरसिया व सिपाही अमर सिंह पर हत्या, धमकाने व साजिश करने की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. महिला दारोगा का नाम आने पर बिहार थाना में तैनात महिला दारोगा व महिला थाना में तैनात सिपाही मोबाइल स्विच ऑफ कर फरार हो गए. जिस पर 14 नवंबर को एसपी आनंद कुलकर्णी ने दोनों को सस्पेंड कर एसआईटी को जांच सौंपी थी.
वहीं तीन दिन पहले FSL की जांच रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि होने पर सदर कोतवाली पुलिस ने हत्या के मुकदमा को आत्महत्या में तब्दील कर महिला दरोगा की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी गई. स्वाट व सर्विलांस टीम ने लोकेशन ट्रेस कर कानपुर में दबिश दी. जहां से महिला दरोगा सुनीता चौरसिया को वारदात के 12वें दिन हिरासत में लेकर देर शाम सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया.
कोर्ट में जज ने महिला दारोगा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वहीं आरोपी सिपाही अमर सिंह अभी भी फरार चल रहा है. एएसपी वीके पांडेय ने बताया कि महिला दारोगा को गिरफ्तार किया गया है, आगे की कार्रवाई जांच के आधार पर की जाएगी.