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लखनऊ में घूम रहा बाघ; जंगल से निकल कर मजार के करीब पहुंचा, बुजुर्ग ने कमरे में भागकर बचाई जान - TIGER TERROR

गांवों में मिल रहे पैरों के निशान, काकोरी के 14 से अधिक गांवों में दहशत, ट्रेसिंग में जुटी वन विभाग की टीम.

लखनऊ के कई गांवों में दहशत.
लखनऊ के कई गांवों में दहशत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 9:44 AM IST

लखनऊ : काकोरी में पिछले करीब एक महीने से बाघ घूम रहा है. जंगल से भटक कर उसने गांवों का रुख कर लिया है. गांव में लगातार उसके पैरों के निशान मिल रहे हैं. इससे जंगल से सटे गांवों के लोग दहशत में हैं. शुक्रवार की सुबह बाघ साबिका शाह पहलवान की मजार के करीब पहुंच गया. मजार की देखरेख करने वाले बुजुर्ग उसे देखकर कमरे में भागकर छिप गए.

हथिनियों की मदद से पकड़ा जाएगा बाघ. (Video Credit; ETV Bharat)

बाघ की चहलकदमी से हसनापुर, दुगौली, गुरदीन खेड़ा, कटौली, सहिलामऊ, कसमंडी, नई बस्ती धनेवा, मोहम्मदनगर, मंदौली, उलरापुर, बुधड़िया, कुसमौरा, रहमतनगर आदि गांवों में दहशत है. शुक्रवार को बाघ के देखे जाने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. वन विभाग की टीम ने पगमार्क का निरीक्षण किया. ड्रोन कैमरे से काफी देर निगरानी की, लेकिन बाघ नजर नहीं आया. इससे पहले गुरुवार को भी हलवापुर के एक बाग व खेत में बाघ के पगचिह्न मिले थे.

गांवों में घूम रही वन विभाग की टीम.
गांवों में घूम रही वन विभाग की टीम. (Photo Credit; ETV Bharat)

काकोरी के बुधरिया निवासी गनी बाबा जंगल मे बने साबिका शाह पहलवान मजार की देखरेख करते हैं. शुक्रवार की सुबह 7 बजे उन्होंने बाघ को मजार की ओर आते देखा. इस पर वह भागकर मजार के पास बने कमरे में जाकर छिप गए. बाद में बाघ चला गया. डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि दुधवा से जंगल पहुंची हथिनी सुलोचना और डायना रहमानखेड़ा आ गईं हैं. वे शनिवार से काम शुरू कर देंगी.

बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. इससे उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है. दोनों हथिनी बाघ को पकड़ने में प्रशिक्षित हैं. इनकी मदद से बाघ को पकड़ा जा सकता है. अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया कि बाघ को ट्रेस करने के लिए कई टीमें लगाई गईं हैं. टीमें लगातार बाघ को ट्रैक भी कर रहीं हैं. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.

दुधवा टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे जंगल में बाघ के हमले में किशोर की मौत: लखीमपुर खीरी जनपद में बाघ के हमले में एक किशोर की मौत हो गई. किशोर गाय चराने जंगल में गया था. पढुआ थाना इलाके के दुमेड़ा गांव का रहने वाला 14 साल का परशुराम पुत्र कमलेश अपने जानवरों को लेकर मझरा पूरब जंगल में गया था. शनिवार को सुबह गए परशुराम पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है कि घटना की सूचना मिली है. सीमाई इलाका है. किशोर बाघ के हमले में मारा गया है या किसी और जानवर के हमले में, इसकी जांच कराई जा रही. उन्होंने जंगली इलाके में लोगों से पालतू पशु न चराने की अपील की है.

यह भी पढ़ें : 40 बीघे के घने जंगल में 30 दिन से छिपा बाघ, हर बार देता गच्चा, इस बार पकड़ने के लिए ये ट्रिक लगाई

लखनऊ : काकोरी में पिछले करीब एक महीने से बाघ घूम रहा है. जंगल से भटक कर उसने गांवों का रुख कर लिया है. गांव में लगातार उसके पैरों के निशान मिल रहे हैं. इससे जंगल से सटे गांवों के लोग दहशत में हैं. शुक्रवार की सुबह बाघ साबिका शाह पहलवान की मजार के करीब पहुंच गया. मजार की देखरेख करने वाले बुजुर्ग उसे देखकर कमरे में भागकर छिप गए.

हथिनियों की मदद से पकड़ा जाएगा बाघ. (Video Credit; ETV Bharat)

बाघ की चहलकदमी से हसनापुर, दुगौली, गुरदीन खेड़ा, कटौली, सहिलामऊ, कसमंडी, नई बस्ती धनेवा, मोहम्मदनगर, मंदौली, उलरापुर, बुधड़िया, कुसमौरा, रहमतनगर आदि गांवों में दहशत है. शुक्रवार को बाघ के देखे जाने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. वन विभाग की टीम ने पगमार्क का निरीक्षण किया. ड्रोन कैमरे से काफी देर निगरानी की, लेकिन बाघ नजर नहीं आया. इससे पहले गुरुवार को भी हलवापुर के एक बाग व खेत में बाघ के पगचिह्न मिले थे.

गांवों में घूम रही वन विभाग की टीम.
गांवों में घूम रही वन विभाग की टीम. (Photo Credit; ETV Bharat)

काकोरी के बुधरिया निवासी गनी बाबा जंगल मे बने साबिका शाह पहलवान मजार की देखरेख करते हैं. शुक्रवार की सुबह 7 बजे उन्होंने बाघ को मजार की ओर आते देखा. इस पर वह भागकर मजार के पास बने कमरे में जाकर छिप गए. बाद में बाघ चला गया. डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि दुधवा से जंगल पहुंची हथिनी सुलोचना और डायना रहमानखेड़ा आ गईं हैं. वे शनिवार से काम शुरू कर देंगी.

बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. इससे उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है. दोनों हथिनी बाघ को पकड़ने में प्रशिक्षित हैं. इनकी मदद से बाघ को पकड़ा जा सकता है. अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया कि बाघ को ट्रेस करने के लिए कई टीमें लगाई गईं हैं. टीमें लगातार बाघ को ट्रैक भी कर रहीं हैं. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.

दुधवा टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे जंगल में बाघ के हमले में किशोर की मौत: लखीमपुर खीरी जनपद में बाघ के हमले में एक किशोर की मौत हो गई. किशोर गाय चराने जंगल में गया था. पढुआ थाना इलाके के दुमेड़ा गांव का रहने वाला 14 साल का परशुराम पुत्र कमलेश अपने जानवरों को लेकर मझरा पूरब जंगल में गया था. शनिवार को सुबह गए परशुराम पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है कि घटना की सूचना मिली है. सीमाई इलाका है. किशोर बाघ के हमले में मारा गया है या किसी और जानवर के हमले में, इसकी जांच कराई जा रही. उन्होंने जंगली इलाके में लोगों से पालतू पशु न चराने की अपील की है.

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