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उन्नाव रेप कांड के वकील की मौत, मरते समय ऐसी थी हालत

उन्नाव में हुए रेप की पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह की लंबे इलाज के बाद मौत हो गई. रेप पीड़िता की कार का 29 जुलाई 2019 को रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था. हादसे के बाद से कोमा में रहे वकील (सीबीआई के गवाह) की उन्नाव के जिला अस्पताल में मौत हो गई.

वकील महेंद्र सिंह.
वकील महेंद्र सिंह.
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Published : Nov 30, 2020, 3:58 PM IST

उन्नावः माखी रेप पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह की लंबे इलाज के बाद मौत हो गई. रेप पीड़िता की कार का 29 जुलाई 2019 को रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था. हादसे में कार सवार रेप पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि रेप पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह को गंभीर चोटें आई थीं. रेप पीड़िता की हालत में अब सुधार है, लेकिन हादसे के बाद से कोमा में रहे वकील (सीबीआई के गवाह) की उन्नाव के जिला अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. बता दें कि मृतक वकील महेंद्र सिंह रेप पीड़िता के मुकदमों के प्रमुख पैरोकार भी थे.

उन्नाव रेप कांड के वकील की मौत.
हादसे में हुए थे घायलउन्नाव का बहुचर्चित रेप कांड 29 जुलाई 2019 को एक बार फिर सुर्खियों में आ गया था. इस दिन रेप पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील महेंद्र सिंह के साथ रायबरेली जा रही थी. रास्ते में उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था. हादसे में रेप पीड़िता की चाची और मौसी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि रेप पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दोनों को नाजुक स्थिति में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.एम्स में चला था 6 माह इलाजएम्स में करीब 6 माह तक चले उपचार के दौरान पीड़िता की हालत में सुधार आया था. यह देखते हुए चिकित्सकों ने रेप पीड़िता को घर भेज दिया था. हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सीबीआई के गवाह रहे वकील कोमा में चले गए थे. इसके बाद उन्हें कभी होश नहीं आया. तबीयत में सुधार न होने पर एम्स हॉस्पिटल ने करीब 11 माह पहले उन्हें डिस्चार्ज कर घर भेज दिया था. इसके बाद से उन्नाव शहर में सीबीआई के गवाह और पारिवारिक सदस्य देवेन्द्र सिंह के घर पर ही कोमा में गए वकील का इलाज चल रहा था. इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था.आज हुई मौतरविवार की रात तबियत बिगड़ने पर परिजन चेकअप के लिए जिला अस्पताल ले गए. वहां जांच के बाद वकील को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया. वकील की मौत के बाद माखी थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. मृतक के पारिवारिक सदस्य देवेन्द्र सिंह ने बताया कि वकील हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे. एम्स से कोमा में ही डिस्चार्ज कर दिया गया था. तब से घर पर ही इलाज चल रहा था. एक साल से कोमा में ही थे. कल रात तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल लाए थे. वहां उनकी मौत हो गई है. निर्भीक वकीलों में होती थी गिनतीमाखी में यह रेप कांड चर्चा में आया था तो कोई भी वकील रेप पीड़िता का वकील बनकर विधायक के सामने नहीं खड़ा होना चाहता था. लेकिन, महेंद्र सिंह शुरुआत से ही रेप पीड़िता के वकील बनकर पूरी निर्भीकता से पैरवी कर रहे थे।

उन्नावः माखी रेप पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह की लंबे इलाज के बाद मौत हो गई. रेप पीड़िता की कार का 29 जुलाई 2019 को रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था. हादसे में कार सवार रेप पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि रेप पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह को गंभीर चोटें आई थीं. रेप पीड़िता की हालत में अब सुधार है, लेकिन हादसे के बाद से कोमा में रहे वकील (सीबीआई के गवाह) की उन्नाव के जिला अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. बता दें कि मृतक वकील महेंद्र सिंह रेप पीड़िता के मुकदमों के प्रमुख पैरोकार भी थे.

उन्नाव रेप कांड के वकील की मौत.
हादसे में हुए थे घायलउन्नाव का बहुचर्चित रेप कांड 29 जुलाई 2019 को एक बार फिर सुर्खियों में आ गया था. इस दिन रेप पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील महेंद्र सिंह के साथ रायबरेली जा रही थी. रास्ते में उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था. हादसे में रेप पीड़िता की चाची और मौसी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि रेप पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दोनों को नाजुक स्थिति में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.एम्स में चला था 6 माह इलाजएम्स में करीब 6 माह तक चले उपचार के दौरान पीड़िता की हालत में सुधार आया था. यह देखते हुए चिकित्सकों ने रेप पीड़िता को घर भेज दिया था. हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सीबीआई के गवाह रहे वकील कोमा में चले गए थे. इसके बाद उन्हें कभी होश नहीं आया. तबीयत में सुधार न होने पर एम्स हॉस्पिटल ने करीब 11 माह पहले उन्हें डिस्चार्ज कर घर भेज दिया था. इसके बाद से उन्नाव शहर में सीबीआई के गवाह और पारिवारिक सदस्य देवेन्द्र सिंह के घर पर ही कोमा में गए वकील का इलाज चल रहा था. इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था.आज हुई मौतरविवार की रात तबियत बिगड़ने पर परिजन चेकअप के लिए जिला अस्पताल ले गए. वहां जांच के बाद वकील को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया. वकील की मौत के बाद माखी थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. मृतक के पारिवारिक सदस्य देवेन्द्र सिंह ने बताया कि वकील हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे. एम्स से कोमा में ही डिस्चार्ज कर दिया गया था. तब से घर पर ही इलाज चल रहा था. एक साल से कोमा में ही थे. कल रात तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल लाए थे. वहां उनकी मौत हो गई है. निर्भीक वकीलों में होती थी गिनतीमाखी में यह रेप कांड चर्चा में आया था तो कोई भी वकील रेप पीड़िता का वकील बनकर विधायक के सामने नहीं खड़ा होना चाहता था. लेकिन, महेंद्र सिंह शुरुआत से ही रेप पीड़िता के वकील बनकर पूरी निर्भीकता से पैरवी कर रहे थे।
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