उन्नावः जिले में स्थित 11 पीएचसी और 5 सीएचसी के प्रभारियों ने जिलाधिकारी और सीएमओ पर उत्पीड़ित करने का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया. सभी ने न्याय की मांग की है. चिकित्सा प्रभारियों का कहना है कि जिलाधिकारी और सीएमओ, उनसे लगातार अभद्रता व उत्पीड़ित करने वाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं. सभी इस्तीफा देने वाले प्रभारियों ने कहा कि अपने पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन चिकित्सक के रूप में काम करते रहेंगे.
डिप्टी सीएमओ को सौंपा सामूहिक पत्र जिले के 16 सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से डिप्टी सीएमओ को पत्र लिखकर अपना सामूहिक इस्तीफा अपने प्रभारी पद से दे दिया. प्रभारियों का कहना है कि उनके साथ लगातार उन्नाव जिलाधिकारी और उन्नाव सीएमओ उत्पीड़न वाली भाषा का प्रयोग करते हैं. उनको मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी देते हैं. इससे आहत होकर उन सबने अपने प्रभारी पद से इस्तीफा दिया है. साथ ही सभी प्रभारियों ने कहा कि वह चिकित्सक के रूप में जनता की सेवा करते रहेंगे.
कोविड संक्रमण काल में भी नहीं मिल रहा सहयोगउन्नाव डिप्टी सीएमओ को अपना इस्तीफा देने आए चिकित्सा प्रभारियों ने बताया कि कोरोना के दौर में वह लगातार एक साल से काम में लगे हुए हैं लेकिन उन्नाव जिला प्रशासन से किसी भी तरह की कोई भी मदद उन्हें नहीं मिल रही है. उनसे काम तो कराया जा रहा है लेकिन जो जरूरी उपकरण हैं, वह उन्हें समय पर उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही चिकित्सा प्रभारियों ने आरोप लगाया कि उनके दो चिकित्सा प्रभारी जो असोहा व फतेहपुर 84 में तैनात थे उन्हें बिना किसी कारण बताएं, उनके पद से हटा दिया गया. यह कानून के खिलाफ है.
इसे भी पढ़ेंः बुलंदशहर में अब बीबकॉल बनाएगी कोवैक्सीन, हर माह तैयार करेगी डेढ़ करोड़ डोज
सीएमओ को देंगे इस्तीफे की कॉपी
मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएमओ डॉ. तन्मय कक्कड़ ने बताया कि उन्नाव के 16 सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों ने सामूहिक रूप से अपने प्रभारी पद से इस्तीफा दिया है. उनका इस्तीफा वह सीएमओ को दे देंगे. उसके बाद सीएमओ जो भी निर्णय करेंगे, वह मान्य होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि इन चिकित्सा प्रभारियों के सामूहिक इस्तीफे से कोविड संक्रमण काल में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जो चिकित्सा प्रभारी जिस क्षेत्र में तैनात था, उसे उस क्षेत्र का अनुभव होता है.