उन्नाव: अगस्त में दफनाए हुए शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए न्यायालय ने आदेश दिया. इस पर हसनगंज एसडीएम ने सूर्यास्त होने का हवाला देते हुए शव को खुदवाने से मना करा दिया. इससे मृतक के परिजनों में भारी नाराजगी थी. इसके बाद रविवार को एसडीएम ने शव को खुदवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. परिजनों का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा और उन्हें न्याय मिलेगा.
दरअसल, औरास थाने के अंतर्गत नंदौली गांव के एक युवक की बीते अगस्त के महीने में मौत हो गई थी. युवक की मौत एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. बताया जाता है कि औरास कस्बे के मुरौवन टोला के रहने वाले संतोष कुमार ने अपने बेटे अतुल कुमार 14 अगस्त को लखनऊ के एक निजी अस्पताल चंद्रा क्लीनिक में भर्ती कराया था. भर्ती करते समय मरीज अतुल कुमार को कमजोरी की समस्या थी. शाम को इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई. अतुल की मौत के बाद 15 अगस्त को उसके शव को पैतृक गांव नंदौली में दफन कर दिया गया.
परिजनों ने डाक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर लखनऊ न्यायालय में 156(3) के तहत वाद दायर किया था. न्यायालय के आदेश पर लखनऊ के पारा थाने में 22 सितंबर को क्लीनिक के मालिक डॉ. प्रमोद चंद्रा के खिलाफ धारा 304 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर शव के पोस्टमार्टम लिए डीएम रविंद्र कुमार ने एसडीएम हसनगंज को कार्यवाहक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था.
शुक्रवार शाम पांच बजे एसडीएम हसनगंज रामदत्त राम, सीओ बांगरमऊ आशुतोष व औरास थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार शव खुदवाने के लिए नंदौली गांव पहुंचे थे. सूर्यास्त होने के कारण एसडीएम ने शव खुदवाने से मना कर दिया था. रविवार दोपहर एसडीएम ने शव को खुदवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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