उन्नाव: भगवंतनगर विधानसभा से सात बार विधायक रहे भगवती सिंह विशारद का 98 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. निधन के पश्चात उनका पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन के लिए उनके पैतृक गांव झगरपुर ले जाया गया, जहां से मंगलवार सुबह उनका शव मेडिकल कॉलेज कानपुर ले जाया जाएगा.
सादगीपूर्ण था जीवन
भगवती सिंह विशारद यूं तो भगवंत नगर विधानसभा से सात बार विधायक रहे परंतु उनकी सादगी, सौम्यता और उनका रहन-सहन देखकर कोई यह अंदाजा नहीं लगा सकता था कि वह 7 बार इसी भगवंत नगर विधानसभा का उत्तर प्रदेश की विधानसभा में नेतृत्व कर चुके हैं.
इस वजह से कहे गए 'उन्नाव के गांधी'
विशारद जी का पूरा जीवन जनता को समर्पित रहा. लोग उनकी कार्यशैली, उनके द्वारा समाज को दिए योगदान और उनके सादगीपूर्ण जीवन को देखकर अनायास ही उन्हें उन्नाव का गांधी कहते थे. विशारद जी से जुड़े लोगों का कहना है कि जब विशारद जी चुनाव लड़ते थे. उन दिनों संसाधनों का अभाव था मगर पूरी विधानसभा में लोगों के पास जाते थे और चुनाव जीतने के बाद जनता के काम किया करते थे.
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जनता के लिए हमेशा काम किए
विशारद के बेटे रघुवीर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने बताया कि पिता जी ने कभी विधायक पद का रुतबा नहीं दिखाया, लेकिन जनता के लिए काम करने में कभी पीछे नहीं रहे. जनता के दुःख-दर्द में हमेशा शामिल रहे.
...जब कटवा दी थीं बिजली की लाइन
रघुवीर सिंह बताते हैं कि एक बार उनके पिता विशारद जब घर आए तो बिजली जलती देख कर कनेक्शन के विषय में पूछा और फिर बिजली की लाइन कटवा दी. यही नहीं, वो गरीबों की सेवा करने में ही अपनी खुशी समझते थे. वह जनता को पुत्रवत स्नेह देते थे.
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श्रद्धांजलि देने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष
विशारद जी को श्रद्धांजलि देने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित भी पहुंचे. क्षेत्र के पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह, एमएलसी सुनील सिंह साजन समेत सभी दलों के नेताओं ने पहुंचकर विशारद जी को श्रद्धांजलि दी. बुधवार को विशारद जी के पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज कानपुर ले जाया जाएगा, क्योंकि उन्होंने अपना शरीर दान दे दिया था.