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उन्नाव: अमृत योजना पर यूपीसीडा ने लगाया ब्रेक, 2 विभागों में फंसी योजना - उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण

उन्नाव में पांच लाख की आबादी को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2018 में अमृत योजना की शुरुआत की गई थी. वर्ष 2020 में इस योजना को पूर्ण करने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया था. पाइप लाइन बिछाने के दौरान उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अधिकारियों ने अपनी जमीन पर पाइप लाइन का कार्य कराने से मना कर दिया.

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अमृत योजना पर यूपीसीडा ने लगाया ब्रेक.
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Published : Jan 1, 2020, 1:08 PM IST

उन्नाव: नगर पालिका उन्नाव और गंगाघाट के बाशिंदों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई गई 'अमृत योजना' पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. ये महत्वाकांक्षी योजना दो विभागों की रस्साकसी में फंस गई है. जल निगम द्वारा संचालित इस योजना में पाइप लाइन बिछाने के दौरान ट्रांस गंगा सिटी में उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने इस पर रोक लगा दी है और जल निगम से एनओसी मांगी है.

जानकारी देते अधिशासी अभियंता, जल निगम

2018 में हुई थी अमृत योजना की शुरुआत
शहर की लगभग पांच लाख आबादी को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2018 में अमृत योजना की शुरुआत की गई थी. वर्ष 2020 में इस योजना को पूर्ण करने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया था, जिसको लेकर युद्ध स्तर पर पाइप लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है, लेकिन करोड़ों की इस योजना पर उस समय ब्रेक लग गया, जब ट्रांस गंगासिटी में पाइप लाइन बिछाने के दौरान यूपीसीडा के अधिकारियों ने अपनी जमीन पर पाइप लाइन का कार्य कराने से मना कर दिया और जल निगम से एनओसी की मांग की.

इसे भी पढ़ें-हाथरस: क्लस्टर योजना से बासमती चावल की उत्पादन में होगी वृद्धि, किसानों को मिल सकेगा लाभ

उन्नाव: नगर पालिका उन्नाव और गंगाघाट के बाशिंदों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई गई 'अमृत योजना' पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. ये महत्वाकांक्षी योजना दो विभागों की रस्साकसी में फंस गई है. जल निगम द्वारा संचालित इस योजना में पाइप लाइन बिछाने के दौरान ट्रांस गंगा सिटी में उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने इस पर रोक लगा दी है और जल निगम से एनओसी मांगी है.

जानकारी देते अधिशासी अभियंता, जल निगम

2018 में हुई थी अमृत योजना की शुरुआत
शहर की लगभग पांच लाख आबादी को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2018 में अमृत योजना की शुरुआत की गई थी. वर्ष 2020 में इस योजना को पूर्ण करने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया था, जिसको लेकर युद्ध स्तर पर पाइप लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है, लेकिन करोड़ों की इस योजना पर उस समय ब्रेक लग गया, जब ट्रांस गंगासिटी में पाइप लाइन बिछाने के दौरान यूपीसीडा के अधिकारियों ने अपनी जमीन पर पाइप लाइन का कार्य कराने से मना कर दिया और जल निगम से एनओसी की मांग की.

इसे भी पढ़ें-हाथरस: क्लस्टर योजना से बासमती चावल की उत्पादन में होगी वृद्धि, किसानों को मिल सकेगा लाभ

Intro:उन्नाव:-नगरपालिका उन्नाव और गंगाघाट के बाशिंदों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई गई अमृत योजना पर फिलहाल ब्रेक लग गया है और ये महत्वाकांक्षी योजना दो विभागों की रस्साकसी में फस गयी है जल निगम द्वारा संचालित इस योजना में पाइप लाइन बिछाने के दौरान ट्रांस गंगा सिटी में यूं पी सी डा ने इस पर रोक लगा दी है और जल निगम से एन ओ सी मांगी है वही करोड़ो की इस योजना पर ब्रेक लगने से जल निगम के अधिकारी बेहद परेशान है अधिकारियों की माने तो पहले भी इसका समाधान कराया जा चुका है लेकिन यू पी सी डा का ये रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


Body:शहर की लगभग 5 लाख आबादी को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2018 में अमृत योजना की शुरुआत की गई थी और वर्ष 2020 में इस योजना को पूर्ण करने का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया था जिसको लेकर युद्ध स्तर पर पाइप लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है लेकिन करोड़ो की इस योजना पर उस समय ब्रेक लग गया जब ट्रांस गंगासिटी में पाइप लाइन बिछाने के दौरान यू पी सी डा के अधिकारियों ने अपनी जमीन पर पाइप लाइन का कार्य कराने से मना कर दिया और जल निगम से एन ओ सी की मांग की वही योजना पर ब्रेक लगता देख जल निगम के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए वही जल निगम के अधिकारियों की माने तो जिलाधिकारी की मौजूदगी में इस समस्या का समाधान पहले भी किया जा चुका है लेकिन फिर से यू पी सी डा के अधिकारियों का ये रवैया बिल्कुल गलत है।

बाईट--के के कटियार (अधिशासी अभियंता जल निगम)


Conclusion:वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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