लखनऊ: उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. लाइसेंस निरस्तीकरण का आदेश उन्नाव जिला मैजिस्ट्रेट की ओर जारी किया गया है. रेप पीड़िता के परिजनों ने आरोपी विधायक के सभी शस्त्र लाइसेंस रद्द कर करने की मांग की थी. जिसके बाद शुक्रवार को कोर्ट में इस पर सुनावाई हुई थी.
बीजेपी का आरोपी विधायक से मोहभंग होते ही प्रशासन भी हरकत में
माखी रेप कांड के मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से भाजपा का मोह क्या भंग हुआ जिला प्रशासन भी फौरन हरकत में आ गया और आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के परिवार के शस्त्र लाइसेंसों को जिलाधिकारी ने निरस्तीकरण के आदेश जारी करते हुए असलहों को फौरन जमा करने का फरमान दिया है. हालांकि माखी रेप कांड के समय सीबीआई ने जिला प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण की सिफारिश की थी, लेकिन तब सत्ता की धमक के आगे प्रशासन कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा सका था.
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Unnao rape survivor accident case: District Magistrate issues order to cancel the license of all the arms & weapons of the expelled BJP MLA Kuldeep Singh Sengar (Unnao rape accused).
— ANI UP (@ANINewsUP) August 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Unnao rape survivor accident case: District Magistrate issues order to cancel the license of all the arms & weapons of the expelled BJP MLA Kuldeep Singh Sengar (Unnao rape accused).
— ANI UP (@ANINewsUP) August 3, 2019Unnao rape survivor accident case: District Magistrate issues order to cancel the license of all the arms & weapons of the expelled BJP MLA Kuldeep Singh Sengar (Unnao rape accused).
— ANI UP (@ANINewsUP) August 3, 2019
पहले सत्ता की हनक के आगे प्रशासन खुद को बौना महसूस कर रहा था
माखी रेप कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और भाजपा से आरोपी विधायक को निकले जाने के बाद उन्नाव प्रशासन भी हरकत में आ गया है और जिलाधिकारी ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के परिवार के 3 शस्त्र लाइसेंस को फौरन निरस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए. उन शस्त्र लाइसेंसों में जहां 1 सिंगल बैरल,1 रायफल और 1 दोनाली बंदूक शामिल है. यही नहीं जिलाधिकारी ने तत्काल इन शस्त्रों को जमा करवाने के भी आदेश दिए हैं, हालांकि 15 महीने पहले माखी रेप कांड की जांच कर रही सीबीआई ने जिला प्रशासन से इन शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन तब सत्ता की हनक के आगे प्रशासन पूरी तरह आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आगे नतमस्तक हो गया था.
आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को माखी रेप केस के आरोप में 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया था. रायबरेली एक्सीडेंट के बाद यूपी पुलिस के साथ सीबीआई एक्टिव हुई और अंत में पूरे मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद आनन-फानन में बीजेपी ने आरोपी विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और सभी केसों की सुनवाई यूपी से हटाकर दिल्ली करवाने का आदेश दिया. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को 24 घंटे के अंदर पीड़िता को 25 लाख मुआवजे का आदेश दिया था. साथ ही पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था.