उन्नाव: जिले में प्रशासन लगातार सरकारी जमीनों पर हुए कब्जे को खाली करा रहा है. उसी क्रम में सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता (leader of samajwadi party) डॉक्टर शकील अहमद के नर्सिंग होम पर उन्नाव की पुरवा तहसील के एसडीएम और पुलिस महकमे ने पहुंच कर जेसीबी से नर्सिंग होम को तोड़ दिया. वहीं, प्रशासन की माने तो उनका कहना था कि यह नर्सिंग होम तालाब को पाट कर उसी पर बनाया गया था, जिसे खाली कराने की प्रक्रिया सोमवार को की गई है.
इसे भी पढ़ेंः खबर हटकेः श्श्श्श...इस किले में भूत-प्रेतों का डेरा, रात में नहीं रुकता कोई
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनते ही अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई लगातार जारी है. पूरे प्रदेश में बुलडोजर से अवैध अतिक्रमण तोड़े जा रहे हैं. वह हटाये भी जा रहे हैं. वहीं, उन्नाव में भी समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर शकील अहमद के नर्सिंग होम जो पुरवा तहसील के कालू खेड़ा गांव के पास स्थित था, उस पर तहसील प्रशासन ने पहुंचकर जेसीबी चलवा दी.
वहीं, आस-पास लोगों की माने तो डॉक्टर शकील अहमद विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे, जिसको लेकर सत्ता पक्ष के लोगों ने यह कार्रवाई की है. वहींं, प्रशासन की माने तो उनका कहना है कि डॉक्टर शकील अहमद ने जो नर्सिंग होम बनवाया था वह तालाब की जमीन पर बना था और तालाब को पाट कर बनाया गया था, जिससे तालाब को खाली कराया गया है.
बुलडोजर की कार्रवाई पर लगा प्रश्नचिन्ह, एक विधवा महिला ने खड़े किए सवाल
योगी सरकार के बनने के बाद अवैध कब्जों पर लगातार बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है. लेकिन उन्नाव में चले आज बुलडोजर की कार्रवाई में एक विधवा गरीब महिला दुलारी ने प्रशासन पर बिना किसी पूर्व सूचना के घर तोड़ने का आरोप लगाया है. वहीं, महिला का कहना है कि वह अपने पट्टे की जमीन पर घर बनायी थी, जिस पर उसे किसी प्रकार की कोई नोटिस नहीं दी गई और उसका घर तोड़ दिया गया. अब वह अपने बच्चों के साथ कहां रहेगी? उसका पति भी नहीं है.
महिला ने कहा कि उसका बेटा और बेटी अब कहां रहेंगे. उसने कहा कि उसे सामान हटाने तक का समय नहीं दिया गया. जो भी सामान था घर में है और ऊपर से बुलडोजर चलाया जा रहा है. महिला ने बताया की वह अपने क्षेत्र के विधायक से भी लगातार गुहार लगा रही है. लेकिन विधायक ने उसका फोन नहीं उठाया.
वहीं, जब इस संबंध में पुरवा एसडीएम दयाशंकर पाठक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस तरीके के किसी भी मामले की कोई जानकारी नहीं है. जबकि साहब खुद मौके पर जाकर जेसीबी चलवा रहे थे. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या जो बेकसूर लोग हैं, उनके मकान भी कसूरवान लोगों के मकानों के साथ तोड़ दिए जाएंगे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप