उन्नाव: उन्नाव के बेहटा थाने में उस समय हड़कंप मच गया जब थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित गनी पुर गांव के रहने वाले दिलीप को पूंछतांछ के लिए पुलिस थाने लायी थी, वहीं कई घंटे थाने में बिठाने के बाद आरोपी पुलिस के भय से थाने से हिरासत से भाग निकला. वहीं जैसे ही बेहटा थाने के पुलिस स्टॉप को जानकारी हुई तो पुलिस सक्रिय हुई, लेकिन तब तक आरोपी दिलीप पुलिस की पहुंच से दूर भाग चुका था.
पुलिस जबर्दस्ती फसाने में जुटी
वहीं, दिलीप के परिजनों की मानें तो दिलीप थाने में तैनात एक सिपाही से काफी परेशान था. वह सिपाही लगातार दिलीप पर बेवजह दबाव बना रहा था. जिसके चलते दिलीप ने उस सिपाही के खिलाफ लखनऊ में और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था. वहीं जिस दिन दिलीप को पुलिस ने हिरासत में लिया उस दिन भी दिलीप उन्नाव पुलिस अधीक्षक कार्यालय न्याय की गुहार लगाने गया था, लेकिन बेहटा पुलिस को सूचना मिलते ही उसने दिलीप को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लेने के बाद पुलिस थाने लाई जिसके बाद जब दिलीप की मां दिलीप के लिए थाने में खाना लेकर गई तो वहां पुलिसकर्मियों ने दिलीप से उसे मिलने नहीं दिया. जब उसे शक हुआ तो पता चला कि दिलीप थाने से भाग गया है.
पुलिस ने किया सुपुर्द
वहीं, बेहटा पुलिस की माने तो एक युवती को भगा ले जाने के संबंध में थाना बेहटा मुजावर में आरोपी पर मुकदमा पंजीकृत है. आरोपी दिलीप कुमार को उप निरीक्षक राजेश कुमार द्वारा पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया था. सुलखान सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए शैक्षिक प्रमाण पत्र बालिग, नाबालिग जन्मतिथि को प्रमाणित करने के लिए शिक्षा विभाग से जांच कराई जा रही है. पूछताछ के बाद आरोपी दिलीप कुमार को घरवालों के सुपुर्द किया गया है. उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दिलीप कुमार की गिरफ्तारी कर कार्यवाही की जाएगी.
परिजनों ने सुपुर्दगी से किया इनकार
वहीं, दिलीप के परिजनों की मानें तो दिलीप के लिए आज उसकी मां फिर से खाना थाने लेकर गई थी लेकिन दिलीप उसे नहीं मिला. वहीं पुलिस ने उसे बताया है कि दिलीप थाने से चला गया है. वह अब यहां नहीं है. वहीं परिजनों का आरोप है कि दिलीप को मेरी सुपुर्दगी में नहीं किया गया है और पुलिस जो कह रही है वह असत्य है.
दो मामलों में वांछित आरोपी पुलिस हिरासत से फरार - उत्तर प्रदेश खबर
जिले के बेहटा मुजावर थाने से एक आरोपी के फरार होने से हड़कंप मच गया. आरोपी के फरार होने की सूचना परिजनों को उस समय मिली जब आरोपी की मां थाने में हिरासत में बंद अपने बेटे के लिए खाना लेकर गई. खाना खिलाने की बात पर थाने में मौजूद पुलिस कर्मी टालमटोल करने लगे जिसपर मां को शक हो गया, जब मां ने आरोपी बेटे से मिलने के लिए कहा तो काफी देर बाद थाने से जवाब मिला कि वह भाग गया है.
उन्नाव: उन्नाव के बेहटा थाने में उस समय हड़कंप मच गया जब थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित गनी पुर गांव के रहने वाले दिलीप को पूंछतांछ के लिए पुलिस थाने लायी थी, वहीं कई घंटे थाने में बिठाने के बाद आरोपी पुलिस के भय से थाने से हिरासत से भाग निकला. वहीं जैसे ही बेहटा थाने के पुलिस स्टॉप को जानकारी हुई तो पुलिस सक्रिय हुई, लेकिन तब तक आरोपी दिलीप पुलिस की पहुंच से दूर भाग चुका था.
पुलिस जबर्दस्ती फसाने में जुटी
वहीं, दिलीप के परिजनों की मानें तो दिलीप थाने में तैनात एक सिपाही से काफी परेशान था. वह सिपाही लगातार दिलीप पर बेवजह दबाव बना रहा था. जिसके चलते दिलीप ने उस सिपाही के खिलाफ लखनऊ में और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था. वहीं जिस दिन दिलीप को पुलिस ने हिरासत में लिया उस दिन भी दिलीप उन्नाव पुलिस अधीक्षक कार्यालय न्याय की गुहार लगाने गया था, लेकिन बेहटा पुलिस को सूचना मिलते ही उसने दिलीप को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लेने के बाद पुलिस थाने लाई जिसके बाद जब दिलीप की मां दिलीप के लिए थाने में खाना लेकर गई तो वहां पुलिसकर्मियों ने दिलीप से उसे मिलने नहीं दिया. जब उसे शक हुआ तो पता चला कि दिलीप थाने से भाग गया है.
पुलिस ने किया सुपुर्द
वहीं, बेहटा पुलिस की माने तो एक युवती को भगा ले जाने के संबंध में थाना बेहटा मुजावर में आरोपी पर मुकदमा पंजीकृत है. आरोपी दिलीप कुमार को उप निरीक्षक राजेश कुमार द्वारा पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया था. सुलखान सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए शैक्षिक प्रमाण पत्र बालिग, नाबालिग जन्मतिथि को प्रमाणित करने के लिए शिक्षा विभाग से जांच कराई जा रही है. पूछताछ के बाद आरोपी दिलीप कुमार को घरवालों के सुपुर्द किया गया है. उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दिलीप कुमार की गिरफ्तारी कर कार्यवाही की जाएगी.
परिजनों ने सुपुर्दगी से किया इनकार
वहीं, दिलीप के परिजनों की मानें तो दिलीप के लिए आज उसकी मां फिर से खाना थाने लेकर गई थी लेकिन दिलीप उसे नहीं मिला. वहीं पुलिस ने उसे बताया है कि दिलीप थाने से चला गया है. वह अब यहां नहीं है. वहीं परिजनों का आरोप है कि दिलीप को मेरी सुपुर्दगी में नहीं किया गया है और पुलिस जो कह रही है वह असत्य है.