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यूपी उपचुनाव: उन्नाव की बांगरमऊ सीट से आरती वाजपेई होंगी कांग्रेस प्रत्याशी

यूपी के उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. कांग्रेस इस सीट पर तीसरी बार आरती वाजपेई पर दांव खेलने जा रही है.

कांग्रेस नेता आरती वाजपेई.
कांग्रेस नेता आरती वाजपेई.
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Published : Sep 28, 2020, 6:50 AM IST

उन्नाव: 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से विधायक चुने गए कुलदीप सिंह सेंगर पर अप्रैल 2018 में रेप का आरोप लगा और वे सीबीआई के चंगुल में फंसते गए. बीते 19 दिसंबर 2019 में विधायक पर रेप का आरोप सिद्ध होने पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें आजीवन कैद की सजा सुनाई. इसके बाद बीजेपी विधायक सेंगर की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई और बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त हो गई. प्रदेश की अन्य 8 विधानसभा के साथ ही उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और सियासत भी तेज हो गई है.

आरती वाजपेई होगीं उन्नाव की बांगरमऊ से कांग्रेस प्रत्याशी.

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर उपचुनाव के लिए सबसे पहले प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव में तीसरी बार आरती वाजपेई पर भरोसा जताते हुए रविवार को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इससे कांग्रसियों में उत्साह का माहौल है. आरती वाजपेई को कांग्रेसियों ने मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया है.

बता दें कि आरती वाजपेई कांग्रेसी नेता स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित की बेटी है, गोपीनाथ दीक्षित प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार थे. 1986 में कांग्रेस सरकार में यूपी में गृहमंत्री भी रहे थे. पिता से विरासत में मिली राजनीति को अब आरती वाजपेई संभाल रही हैं. 2007 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने आरती वाजपेई को बांगरमऊ विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया था. इस चुनाव में आरती को 14 हजार वोटों से संतोष करना पड़ा था.

इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर बांगरमऊ से आरती वाजपेई को ही अपना चेहरा बनाकर मैदान में उतारा. वहीं इस बार आरती को 20 हजार मतों से संतोष करना पड़ा और सपा प्रत्याशी से करारी हार का सामना करना पड़ा. 2020 में एक बार फिर सोनिया गांधी ने बांगरमऊ विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन इस बार भी आरती की राह आसान नहीं है.

स्नातक तक की पढ़ाई करने वाली आरती वाजपेई का कहना है कि मैं अपने अब तक किए कार्यों को लेकर जनता के बीच जाऊंगी. किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी का मुद्दा और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर जनता का भरोसा जीतूंगी. बाकी फैसला तो बांगरमऊ की जनता के हाथ में ही है कि वो किसे अपना विधायक चुनेगी.

वहीं बात अगर भाजपा की करें तो बीजेपी ने इस सीट पर जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के दौरे के साथ ही जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह लागातर बांगरमऊ की जनता से जुड़े हैं. वहीं प्रत्याशियों की भी कतार लगी हुई है, भाजपा अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ का दौरा भी बांगरमऊ में प्रस्तावित है. हालांकि भाजपा, सपा और बसपा ने अभी अपने उम्मीदवारों कि घोषणा नहीं की है.

उन्नाव: 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से विधायक चुने गए कुलदीप सिंह सेंगर पर अप्रैल 2018 में रेप का आरोप लगा और वे सीबीआई के चंगुल में फंसते गए. बीते 19 दिसंबर 2019 में विधायक पर रेप का आरोप सिद्ध होने पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें आजीवन कैद की सजा सुनाई. इसके बाद बीजेपी विधायक सेंगर की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई और बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त हो गई. प्रदेश की अन्य 8 विधानसभा के साथ ही उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और सियासत भी तेज हो गई है.

आरती वाजपेई होगीं उन्नाव की बांगरमऊ से कांग्रेस प्रत्याशी.

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर उपचुनाव के लिए सबसे पहले प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव में तीसरी बार आरती वाजपेई पर भरोसा जताते हुए रविवार को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इससे कांग्रसियों में उत्साह का माहौल है. आरती वाजपेई को कांग्रेसियों ने मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया है.

बता दें कि आरती वाजपेई कांग्रेसी नेता स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित की बेटी है, गोपीनाथ दीक्षित प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार थे. 1986 में कांग्रेस सरकार में यूपी में गृहमंत्री भी रहे थे. पिता से विरासत में मिली राजनीति को अब आरती वाजपेई संभाल रही हैं. 2007 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने आरती वाजपेई को बांगरमऊ विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया था. इस चुनाव में आरती को 14 हजार वोटों से संतोष करना पड़ा था.

इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर बांगरमऊ से आरती वाजपेई को ही अपना चेहरा बनाकर मैदान में उतारा. वहीं इस बार आरती को 20 हजार मतों से संतोष करना पड़ा और सपा प्रत्याशी से करारी हार का सामना करना पड़ा. 2020 में एक बार फिर सोनिया गांधी ने बांगरमऊ विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन इस बार भी आरती की राह आसान नहीं है.

स्नातक तक की पढ़ाई करने वाली आरती वाजपेई का कहना है कि मैं अपने अब तक किए कार्यों को लेकर जनता के बीच जाऊंगी. किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी का मुद्दा और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर जनता का भरोसा जीतूंगी. बाकी फैसला तो बांगरमऊ की जनता के हाथ में ही है कि वो किसे अपना विधायक चुनेगी.

वहीं बात अगर भाजपा की करें तो बीजेपी ने इस सीट पर जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के दौरे के साथ ही जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह लागातर बांगरमऊ की जनता से जुड़े हैं. वहीं प्रत्याशियों की भी कतार लगी हुई है, भाजपा अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ का दौरा भी बांगरमऊ में प्रस्तावित है. हालांकि भाजपा, सपा और बसपा ने अभी अपने उम्मीदवारों कि घोषणा नहीं की है.

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