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फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त, सपा के शासन काल में हुई थी भर्ती... - उन्नाव न्यूज

फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त. कोर्ट के आदेश के बाद बैंक कर्मियों को किया गया पद मुक्त.

फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त
फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त
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Published : Nov 18, 2021, 10:31 PM IST

उन्नाव : जिले में सपा सरकार में अनियमित तरीके से भर्ती किए गए सहकारी बैंक के 20 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई. अनियमित तरीके से भर्ती हुए कर्मियों से सेवा कोर्ट के आदेश के बाद समाप्त की गई है. जिले में पांच वर्ष पहले इनकी भर्ती सहयोगी गार्ड के पद पर हुई थी. भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद जिला सहकारी बैंक के सचिव ने 20 कर्मियों को सेवा से हटा दिया.


बता दें कि वर्ष 2016 में जिला सहकारी बैंक में सहयोगी गार्ड के पद पर 20 कर्मियों की नियुक्ति की गई थी. 20 सितंबर 2016 में 20 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इनकी नियुक्ति के बाद भर्ती प्रक्रिया धांधली का आरोप लगा था. इस मामले में वादी रजत तिवारी और राज किशोर ने उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी. जिसके बाद कोर्ट में दायर वाद की सुनवाई हुई और कोर्ट ने निर्णय दिया कि जो भर्ती हुई थी, वह पारदर्शी नहीं थी.

फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त

कर्मचारियों की भर्ती अवैधानिक तरीके से हुई थी. जिसके बाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने वर्ष 2016 में हुई भर्ती को निरस्त करने का आदेश दिया था. जिसके बाद जिला सहकारी बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने वर्ग 4 के 20 कर्मियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है. इसमें एक कर्मी की पहले मृत्यु हो चुकी है.

उन्नाव जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हरिसहाय मिश्र मदन ने बताया कि सपा की सरकार में 20 लोगों को गलत तरीके से नियुक्त किया गया था. जिसका मामला उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में चल रहा था. न्यायालय ने दोष शिद्ध करते हुए 20 लोगों को, जो गलत तरीके भर्ती हुए थे. उन्हें पद से हटा दिया है.

इसे पढ़ें- देव दीपावली इफेक्ट : काशी के पर्यटन कारोबार को संजीवनी, इस महीने 1000 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद

उन्नाव : जिले में सपा सरकार में अनियमित तरीके से भर्ती किए गए सहकारी बैंक के 20 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई. अनियमित तरीके से भर्ती हुए कर्मियों से सेवा कोर्ट के आदेश के बाद समाप्त की गई है. जिले में पांच वर्ष पहले इनकी भर्ती सहयोगी गार्ड के पद पर हुई थी. भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद जिला सहकारी बैंक के सचिव ने 20 कर्मियों को सेवा से हटा दिया.


बता दें कि वर्ष 2016 में जिला सहकारी बैंक में सहयोगी गार्ड के पद पर 20 कर्मियों की नियुक्ति की गई थी. 20 सितंबर 2016 में 20 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इनकी नियुक्ति के बाद भर्ती प्रक्रिया धांधली का आरोप लगा था. इस मामले में वादी रजत तिवारी और राज किशोर ने उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी. जिसके बाद कोर्ट में दायर वाद की सुनवाई हुई और कोर्ट ने निर्णय दिया कि जो भर्ती हुई थी, वह पारदर्शी नहीं थी.

फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 20 बैंक कर्मियों की सेवा समाप्त

कर्मचारियों की भर्ती अवैधानिक तरीके से हुई थी. जिसके बाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने वर्ष 2016 में हुई भर्ती को निरस्त करने का आदेश दिया था. जिसके बाद जिला सहकारी बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने वर्ग 4 के 20 कर्मियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है. इसमें एक कर्मी की पहले मृत्यु हो चुकी है.

उन्नाव जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हरिसहाय मिश्र मदन ने बताया कि सपा की सरकार में 20 लोगों को गलत तरीके से नियुक्त किया गया था. जिसका मामला उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में चल रहा था. न्यायालय ने दोष शिद्ध करते हुए 20 लोगों को, जो गलत तरीके भर्ती हुए थे. उन्हें पद से हटा दिया है.

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