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उत्तर प्रदेश एससी एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल चुनाव हारे

मिर्जापुर के हलिया ब्लॉक में भाजपा से बागी हुए राम सागर कोल ने भाजपा प्रत्याशी मनीराम कोल को हरा कर बड़ा उलटफेर कर दिया है. मनीराम कोल को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा था.

विजयी प्रत्याशी
विजयी प्रत्याशी
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Published : May 3, 2021, 2:05 PM IST

मिर्जापुर: बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार व उत्तर प्रदेश SC/ST आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल चुनाव हार गए हैं. इस सीट पर भाजपा के बागी राम सागर कोल ने जीत हासिल की है. मनीराम कोल तीसरे स्थान पर रहे.

किसको मिले कितने वोट ?

मिर्जापुर के हलिया ब्लॉक के वार्ड संख्या चार से जिला पंचायत सदस्य राम सागर कोल को सर्वाधिक 5,312 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अमरेश को 3,617 मत प्राप्त हुए जबकि बीजेपी समर्थित प्रत्याशी एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल 3,230 वोट ही हासिल कर पाए. इस हार से मनीराम कोल के समर्थकों में घोर निराशा है क्योंकि उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में से एक माना जा रहा था.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: बराबर वोट मिलने के बाद इस सिस्टम से जीते प्रत्याशी

टिकट कटने से निर्दलीय मैदान में उतरे थे राम सागर

राम सागर कोल ने वार्ड चार से अपनी उम्मीदवारी को लेकर प्रचार भी शुरू कर दिया था. लेकिन, बीजेपी की तरफ से उनका टिकट काट दिया गया और एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल को मैदान में उतार दिया गया. इससे नाराज होकर भाजपा के बागी राम सागर कोल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए. पार्टी की तरफ से कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसके बावजूद भी रामसागर कोल विजयी हुए.

मिर्जापुर: बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार व उत्तर प्रदेश SC/ST आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल चुनाव हार गए हैं. इस सीट पर भाजपा के बागी राम सागर कोल ने जीत हासिल की है. मनीराम कोल तीसरे स्थान पर रहे.

किसको मिले कितने वोट ?

मिर्जापुर के हलिया ब्लॉक के वार्ड संख्या चार से जिला पंचायत सदस्य राम सागर कोल को सर्वाधिक 5,312 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अमरेश को 3,617 मत प्राप्त हुए जबकि बीजेपी समर्थित प्रत्याशी एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल 3,230 वोट ही हासिल कर पाए. इस हार से मनीराम कोल के समर्थकों में घोर निराशा है क्योंकि उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में से एक माना जा रहा था.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: बराबर वोट मिलने के बाद इस सिस्टम से जीते प्रत्याशी

टिकट कटने से निर्दलीय मैदान में उतरे थे राम सागर

राम सागर कोल ने वार्ड चार से अपनी उम्मीदवारी को लेकर प्रचार भी शुरू कर दिया था. लेकिन, बीजेपी की तरफ से उनका टिकट काट दिया गया और एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल को मैदान में उतार दिया गया. इससे नाराज होकर भाजपा के बागी राम सागर कोल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए. पार्टी की तरफ से कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसके बावजूद भी रामसागर कोल विजयी हुए.

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