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पशुपालन विभाग में करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले मुख्य आरोपी का बयान दर्ज

यूपी की राजधानी लखनऊ में पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी का जिला जेल में बयान दर्ज किया गया. इन दोनों आरोपियों से करीब 40 छोटे-बड़े सवाल पूछे गए.

लखनऊ पशुधन विभाग.
लखनऊ पशुधन विभाग.
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Published : Jun 5, 2021, 6:30 PM IST

लखनऊ: पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आशीष राय और उसके ड्राइवर रूपक राय का जिला जेल में बयान दर्ज किए गए. एसीपी श्वेता श्रीवास्तव अचानक जेल में पहुंची. इन दोनों आरोपियों से करीब 40 छोटे-बड़े सवाल पूछे. सवालों के जवाब में पहले तो आशीष राय और उसके ड्राइवर रूपक राय ने महिला पुलिस अधिकारी से इधर-उधर की बातकर उन्हें घुमाने की कोशिश की, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने कई राज उगले हैं. इनके बयानों के आधार पर चार्जशीट तैयार की जाएगी.


इस मामले में कुछ और आरोपियों के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जानी है. पिछले साल एसटीएफ की जांच के बाद इंदौर के व्यापारी मंजीत से 9 करोड़ 72 लाख रुपये हड़पने के मामले में आशीष राय, पशुधन राज्यमंत्री के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित समेत 13 लोगों को जेल भेजा गया था. इसके बाद रिटायर डीआईजी अरविन्द सेन, निलंबित सिपाही दिलबहार सिंह यादव व सचिवालय के दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अभी भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी होनी है.

नमक सप्लाई घोटाले की भी चल रही जांच

माना जा रहा है कि इसी मामले में कुछ साक्ष्य जुटाने के लिये आशीष राय व रुपक के बयान लिये गये हैं. इस फर्जीवाड़े के साथ ही गुजरात के व्यापारी को नमक सप्लाई का झांसा देकर किये गये घोटाले की भी जांच चल रही है. इसमें भी मुख्य आरोपी आशीष राय व मोंटी गूर्जर है.

पढ़ें- 700 साल से अधिक पुराना है यह मंदिर, बालरूप में विराजते हैं हनुमानजी

लखनऊ: पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आशीष राय और उसके ड्राइवर रूपक राय का जिला जेल में बयान दर्ज किए गए. एसीपी श्वेता श्रीवास्तव अचानक जेल में पहुंची. इन दोनों आरोपियों से करीब 40 छोटे-बड़े सवाल पूछे. सवालों के जवाब में पहले तो आशीष राय और उसके ड्राइवर रूपक राय ने महिला पुलिस अधिकारी से इधर-उधर की बातकर उन्हें घुमाने की कोशिश की, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने कई राज उगले हैं. इनके बयानों के आधार पर चार्जशीट तैयार की जाएगी.


इस मामले में कुछ और आरोपियों के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जानी है. पिछले साल एसटीएफ की जांच के बाद इंदौर के व्यापारी मंजीत से 9 करोड़ 72 लाख रुपये हड़पने के मामले में आशीष राय, पशुधन राज्यमंत्री के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित समेत 13 लोगों को जेल भेजा गया था. इसके बाद रिटायर डीआईजी अरविन्द सेन, निलंबित सिपाही दिलबहार सिंह यादव व सचिवालय के दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अभी भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी होनी है.

नमक सप्लाई घोटाले की भी चल रही जांच

माना जा रहा है कि इसी मामले में कुछ साक्ष्य जुटाने के लिये आशीष राय व रुपक के बयान लिये गये हैं. इस फर्जीवाड़े के साथ ही गुजरात के व्यापारी को नमक सप्लाई का झांसा देकर किये गये घोटाले की भी जांच चल रही है. इसमें भी मुख्य आरोपी आशीष राय व मोंटी गूर्जर है.

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