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कोरोना काल में भी KGMU के कैंसर विभाग में मरीजों का हो रहा इलाज

राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के कैंसर विभाग के डॉक्टर कोरोना काल में भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं. यहां रोजना 10 से 20 मरीजों को कीमोथेरेपी दी जा रही है. इसके साथ ही जो मरीज अस्पताल आने में असमर्थ है, उनको ई-ओपीडी के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है.

केजीएमयू में कैंसर के मरीजों का इलाज
केजीएमयू में कैंसर के मरीजों का इलाज
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Published : Apr 28, 2021, 11:31 PM IST

लखनऊ: कोरोना काल में भी केजीएमयू के इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग में कैंसर सर्विसेज का काम ठप नहीं हुआ है. कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन विभाग में रोजाना 10-20 मरीज कीमोथेरेपी ले रहे हैं. अल्प आयु वाले मरीजों के लिए कैंसर कार्ड के तहत मुफ्त इलाज का भी प्रावधान है और मरीज उसका लाभ उठा रहे हैं. जो मरीज अस्पताल आने में असमर्थ हैं, उनको ई-ओपीडी के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है. इसके तहत रोज 20 से 30 मरीज परामर्श ले रहे हैं. वहीं, वार्ड में भी मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. वार्ड में भर्ती होने के लिए मरीजों को 7 दिन के अन्दर की कोरोना जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य है.

सीएम राहत कोष से मिली आर्थिक मदद
अयोध्या निवासी संतोष बताते हैं कि उनकी मां को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था. जैसे ही इलाज शुरू हुआ कि कोरोना फैलने लगा. उन्हें इलाज बाधित होने का डर सता रहा था लेकिन, उनकी मां का केजीएमयू के इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग में इलाज जारी है. मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई है.

इसे भी पढ़ें : यूपी में 24 घंटे में कोरोना के 29,824 नए मामले, 266 मौतें

लखनऊ निवासी राकेश कुमार यादव बताते हैं कि जब उन्हें पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई थी. इधर कोरोना का डर और कैंसर के इलाज में बाधा से लाइलाज होने का भय सता रहा था. लेकिन, केजीएमयू में कैंसर का इलाज योजना के मुताबिक चल रहा है और सब ठीक रहते मई में ऑपरेशन की तारीख भी दे दी गयी है. उन्हें सरकार की तरफ से नि:शुल्क कैंसर कार्ड योजना का भी लाभ प्राप्त हुआ है.

लखनऊ: कोरोना काल में भी केजीएमयू के इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग में कैंसर सर्विसेज का काम ठप नहीं हुआ है. कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन विभाग में रोजाना 10-20 मरीज कीमोथेरेपी ले रहे हैं. अल्प आयु वाले मरीजों के लिए कैंसर कार्ड के तहत मुफ्त इलाज का भी प्रावधान है और मरीज उसका लाभ उठा रहे हैं. जो मरीज अस्पताल आने में असमर्थ हैं, उनको ई-ओपीडी के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है. इसके तहत रोज 20 से 30 मरीज परामर्श ले रहे हैं. वहीं, वार्ड में भी मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. वार्ड में भर्ती होने के लिए मरीजों को 7 दिन के अन्दर की कोरोना जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य है.

सीएम राहत कोष से मिली आर्थिक मदद
अयोध्या निवासी संतोष बताते हैं कि उनकी मां को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था. जैसे ही इलाज शुरू हुआ कि कोरोना फैलने लगा. उन्हें इलाज बाधित होने का डर सता रहा था लेकिन, उनकी मां का केजीएमयू के इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग में इलाज जारी है. मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई है.

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लखनऊ निवासी राकेश कुमार यादव बताते हैं कि जब उन्हें पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई थी. इधर कोरोना का डर और कैंसर के इलाज में बाधा से लाइलाज होने का भय सता रहा था. लेकिन, केजीएमयू में कैंसर का इलाज योजना के मुताबिक चल रहा है और सब ठीक रहते मई में ऑपरेशन की तारीख भी दे दी गयी है. उन्हें सरकार की तरफ से नि:शुल्क कैंसर कार्ड योजना का भी लाभ प्राप्त हुआ है.

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