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कासगंज: दो और फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश के कासगंज में अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद शिक्षकों के मूल दस्तावेजों की जांच में तेजी आई है. आज दो शिक्षकों के बीएड के फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर.
फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर.
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Published : Jun 23, 2020, 4:54 PM IST

कासगंज: जिले में लगातार फर्जी शिक्षक सामने आ रहे हैं. मंगलवार को दो ऐसे फर्जी शिक्षकों पर बीएसए ने एफआईआर दर्ज कराई है, जो बीएड की फर्जी डिग्री पर विद्यालयों में नौकरी कर रहे थे. एफआईआर के बाद अब इन शिक्षकों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल, 29 अप्रैल 2020 को निर्गत हुआ हाईकोर्ट का एक आदेशपत्र शिक्षा विभाग के निदेशक के आदेश के साथ संलग्न होकर 1 मई 2020 को बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के पास पहुंचा. आदेश के साथ प्रदेश भर में 2823 फर्जी शिक्षकों की यूनिवर्सिटी द्वारा भेजी गई सूची भी शामिल थी, जिसमें कासगंज के 5 फर्जी शिक्षकों को चिह्नांकित किया गया था, जिनमें सोनू शर्मा पुत्र भगवती शर्मा नियुक्ति खलिक पुर सहावर, प्रियंका अग्रवाल पुत्री सतीश चंद्र अग्रवाल नियुक्ति सुन्नगढ़ी विद्यालय, पवन कुमार पाण्डेय पुत्र शिवकुमार पाण्डेय नियुक्ति नगला ब्लॉक सिढ़पुरा, नीरज कुमार पुत्र भीम सिंह नियुक्ति बहटा अमांपुर, हरेश कुमार डांगुर पुत्र हरिभान सिंह नियुक्ति नगला पटिया ब्लॉक सोरों शामिल थे.

विभाग द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए मई माह में ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था. इसमें एक फर्जी टीचर पर पूर्व में ही एफआईआर कराई जा चुकी है. आपको बता दें कि सोरों ब्लॉक में तैनात शिक्षक हरेश कुमार डांगुर जुलाई 2012 से नौकरी कर रहा था. वहीं बहटा अमांपुर में तैनात शिक्षक नीरज कुमार दिसम्बर 2010 से नौकरी कर रहा था.

बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को दो फर्जी शिक्षकों नीरज कुमार और हरेश कुमार डांगुर पर एफआईआर कराई गई है. अभी दो शिक्षकों पर और एफआईआर होनी है.

कासगंज: जिले में लगातार फर्जी शिक्षक सामने आ रहे हैं. मंगलवार को दो ऐसे फर्जी शिक्षकों पर बीएसए ने एफआईआर दर्ज कराई है, जो बीएड की फर्जी डिग्री पर विद्यालयों में नौकरी कर रहे थे. एफआईआर के बाद अब इन शिक्षकों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल, 29 अप्रैल 2020 को निर्गत हुआ हाईकोर्ट का एक आदेशपत्र शिक्षा विभाग के निदेशक के आदेश के साथ संलग्न होकर 1 मई 2020 को बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के पास पहुंचा. आदेश के साथ प्रदेश भर में 2823 फर्जी शिक्षकों की यूनिवर्सिटी द्वारा भेजी गई सूची भी शामिल थी, जिसमें कासगंज के 5 फर्जी शिक्षकों को चिह्नांकित किया गया था, जिनमें सोनू शर्मा पुत्र भगवती शर्मा नियुक्ति खलिक पुर सहावर, प्रियंका अग्रवाल पुत्री सतीश चंद्र अग्रवाल नियुक्ति सुन्नगढ़ी विद्यालय, पवन कुमार पाण्डेय पुत्र शिवकुमार पाण्डेय नियुक्ति नगला ब्लॉक सिढ़पुरा, नीरज कुमार पुत्र भीम सिंह नियुक्ति बहटा अमांपुर, हरेश कुमार डांगुर पुत्र हरिभान सिंह नियुक्ति नगला पटिया ब्लॉक सोरों शामिल थे.

विभाग द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए मई माह में ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था. इसमें एक फर्जी टीचर पर पूर्व में ही एफआईआर कराई जा चुकी है. आपको बता दें कि सोरों ब्लॉक में तैनात शिक्षक हरेश कुमार डांगुर जुलाई 2012 से नौकरी कर रहा था. वहीं बहटा अमांपुर में तैनात शिक्षक नीरज कुमार दिसम्बर 2010 से नौकरी कर रहा था.

बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को दो फर्जी शिक्षकों नीरज कुमार और हरेश कुमार डांगुर पर एफआईआर कराई गई है. अभी दो शिक्षकों पर और एफआईआर होनी है.

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