अलीगढ़: जिले में भाजपा पार्षदों के दल ने नगर आयुक्त और मेयर पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. दरअसल भाजपा पार्षद दल व नगर निगम के उपसभापति ने कोविड-19 को लेकर खरीद फरोख्त को लेकर लेखा जोखा मांगा गया. साथ ही डीजल के उपयोग को लेकर अनियमितता का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर नगर निगम के भाजपा पार्षद दल ने कमिश्नर से जांच कराने की मांग की है. कोविड-19 महामारी को लेकर नगर निगम द्वारा मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट सहित अन्य सामग्रियों का लेखा जोखा भाजपा पार्षदों ने मांगा था, लेकिन नगर आयुक्त एसपी पटेल ने अभी तक कोई जानकारी पार्षदों को उपलब्ध नहीं कराई है.
नगर निगम के उपसभापति पुष्पेन्द्र जादौन ने बताया कि नगर आयुक्त और महापौर दोनों ही मिलकर अनियमितता का खेल खेल रहे हैं. सरकार की योजनाओं के बारे में पार्षदों को अवगत नहीं कराया जाता है. उन्होंने कहा कि जनता को अधिकार हैं कि जो खर्च हो रहा है उसमें पारदर्शिता बनी रहे. सरकार के जो भी नियम हैं उसको नगर आयुक्त तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं. नगर निगम के उपसभापति पुष्पेंद्र जादौन ने बताया कि नगर निगम में विषम परिस्थितियां है. निगम में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर जनता में आक्रोश है. पार्षदों का जनता के प्रति उत्तरदायित्व है. इसलिए कमिश्नर से पूरे मामले में जांच की मांग की है.
भाजपा नेताओं का कहना है कि नगर आयुक्त के कुछ चहेते अफसर जनता और जनप्रतिनिधि को गुमराह कर रहे हैंं. कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जिनका स्थानांतरण हो चुका है, लेकिन यहां से रिलीव नहीं किया गया है. दो-दो नए पीसीएस अधिकारी नगर निगम में आये हैं. लेकिन उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. भाजपा पार्षद दल के मुख्य सचेतक दिनेश गुप्ता ने बताया कि नगर निगम में 80 लाख रुपये ईंधन के मद में खर्च हुए हैं. इसका ब्यौरा नगर निगम नहीं बताती है. नगर आयुक्त केवल आश्वासन देते हैं. सफाई का पूरा कचरा उठाने का काम ए टू जेड कंपनी द्वारा किया जाता है. कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी को पत्र देकर भाजपा नेताओं ने नगर निगम में हो रही अनियमितता की जांच की मांग की है.