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गांव में नहीं है कोविड प्रबंधन, यहां झोलाछाप डॉक्टर ले रहे वायरस से लोहा - covid management

सुलतानपुर में 4 कोविड-19 असपताल संचालित हैं, जो चार तहसीलों को कवर करते हैं. 51 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न अस्पतालों और जिला अस्पताल में रखे गए हैं.

सुलतानपुर में 4 कोविड-19 असपताल संचालित
सुलतानपुर में 4 कोविड-19 असपताल संचालित
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Published : May 21, 2021, 1:10 PM IST

सुलतानपुर: कोविड-19 संक्रमण पर योगी सरकार कितने भी दावे कर रही हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान बचाने का एकमात्र साधन बन गए हैं. यहां झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जीवन बचाने का दावा कर रहे हैं. उधर, शहरी क्षेत्र में अफसर एल-1 और L-2 हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्रबंधन और जीवन रक्षक उपकरणों की भरपूर उपलब्धता का दावा कर रहे हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमितों के इलाज की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है.

टीकाकरण और जांच की तस्वीर
जिले में 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिसमें 41 ग्रामीण क्षेत्र में और दो शहरी क्षेत्र में संचालित हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 14 है. टीकाकरण केंद्र के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को संचालन के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिए गए हैं. कोविड-19 की जांच के लिए जिला अस्पताल, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन समेत सभी सीएससी को दिशा-निर्देश देते हुए अधिकृत किया गया है.

सुलतानपुर में 4 कोविड-19 असपताल संचालित
ढाई सौ बेडों पर हो रहा इलाज: सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स के अनुसार एल-1, एल-2 और जिला अस्पताल में कोविड-19 संक्रमित लोगों का इलाज किया जाता है. एल-1 में 200 बेड और L-2 हॉस्पिटल में 50 बेड संचालित हैं. ऑक्सीजन समेत कोविड परीक्षण के सभी प्रबंध किए गए हैं. 51 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न अस्पतालों और जिला अस्पताल में रखे गए हैं.

इसे भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश में दम तोड़ रहा कोरोना संक्रमण, रिकवरी रेट 92 फीसदी


4 कोविड-19 अस्पताल संचालित
बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने कहा कि जिले की 5 तहसीलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिले में 4 कोविड-19 अस्पताल बनाए जा रहे हैं. जो चारों तहसीलों को कवर करेंगे हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के संक्रमित मरीजों को इन कोविड अस्पतालों में पहुंचने में आसानी होगी. यहां सभी प्रकार के मेडिकल उपकरण मौजूद रहेंगे.

सुलतानपुर: कोविड-19 संक्रमण पर योगी सरकार कितने भी दावे कर रही हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान बचाने का एकमात्र साधन बन गए हैं. यहां झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जीवन बचाने का दावा कर रहे हैं. उधर, शहरी क्षेत्र में अफसर एल-1 और L-2 हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्रबंधन और जीवन रक्षक उपकरणों की भरपूर उपलब्धता का दावा कर रहे हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमितों के इलाज की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है.

टीकाकरण और जांच की तस्वीर
जिले में 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिसमें 41 ग्रामीण क्षेत्र में और दो शहरी क्षेत्र में संचालित हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 14 है. टीकाकरण केंद्र के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को संचालन के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिए गए हैं. कोविड-19 की जांच के लिए जिला अस्पताल, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन समेत सभी सीएससी को दिशा-निर्देश देते हुए अधिकृत किया गया है.

सुलतानपुर में 4 कोविड-19 असपताल संचालित
ढाई सौ बेडों पर हो रहा इलाज: सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स के अनुसार एल-1, एल-2 और जिला अस्पताल में कोविड-19 संक्रमित लोगों का इलाज किया जाता है. एल-1 में 200 बेड और L-2 हॉस्पिटल में 50 बेड संचालित हैं. ऑक्सीजन समेत कोविड परीक्षण के सभी प्रबंध किए गए हैं. 51 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न अस्पतालों और जिला अस्पताल में रखे गए हैं.

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4 कोविड-19 अस्पताल संचालित
बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने कहा कि जिले की 5 तहसीलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिले में 4 कोविड-19 अस्पताल बनाए जा रहे हैं. जो चारों तहसीलों को कवर करेंगे हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के संक्रमित मरीजों को इन कोविड अस्पतालों में पहुंचने में आसानी होगी. यहां सभी प्रकार के मेडिकल उपकरण मौजूद रहेंगे.

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