सुलतानपुर: जनपद के ऐतिहासिक दुर्गापूजा महोत्सव में विसर्जन यात्रा के दौरान प्रशासन और श्रद्धालु आमने-सामने आ गए. बैरिकेडिंग तोड़ दी गई. विरोध करने पर प्रतिमा वापस लेकर सीताकुंड घाट पर श्रद्धालु लौटने लगे. बीच-बचाव को विधायक भाजपा सूर्यभान सिंह मौके पर पहुंचे. स्थिति को नियंत्रित कर प्रतिमा विसर्जन का कार्यक्रम बैरिकेडिंग हटाकर कराया गया.
इस दौरान 2 घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा. सुल्तानपुर में दशहरे से शुरू होकर पूर्णिमा तक होने वाली ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की विसर्जन यात्रा गुरुवार से शुरू हुई. इस दौरान प्रतिमाएं चौक घंटाघर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए सब्जी मंडी, गंदा नाला रोड, बस स्टेशन, सीताकुंड घाट होते हुए गोमती नदी के तट पर पहुंची. पहली प्रतिमा बड़ी दुर्गा की विसर्जन के लिए ले जाई गई.
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इस दौरान हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु और प्रशासन आमने-सामने हो गए. 2 घंटे तक धक्का-मुक्की और एक दूसरे से निपट लेने की बात कही गई. इस दौरान केंद्रीय पूजा समिति के पदाधिकारी और प्रशासनिक अफसर भी आमने-सामने हो गए. इको फ्रेंडली प्रतिमा होने की बात कहते हुए आखिरकार प्रशासन को गोमती नदी में विसर्जन के लिए हामी भरनी पड़ी.
उत्साहित श्रद्धालुओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ बड़ी दुर्गा की प्रथम प्रतिमा आदि गंगा गोमती में विसर्जित की गई. वहीं, सूर्यभान सिंह, विधायक भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बातचीत के जरिए विवाद को टाल दिया गया.
सुल्तानपुर में विसर्जन यात्रा के दौरान कभी कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई और न ही होने दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में विसर्जन यात्रा में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो सकती है.