सुलतानपुर: जिला अस्पताल में चिकित्सक और नर्सों की लापरवाही से एक किशोरी की मौत हो गई. समय पर दवा और इंजेक्शन नहीं दिए जाने को मुद्दा बनाते हुए परिजनों ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी में जमकर हंगामा किया. लगभग आधे घंटे तक अफरा तफरी का माहौल रहा. चिकित्सीय सेवाएं बाधित रहीं. मौके पर बीच-बचाव करने पहुंचे प्रभारी सीएमएस ने डॉक्टर और नर्स की लापरवाही मानते हुए डीएम और शासन को पत्र लिखने की बात कही है.
यह है पूरा मामला
जिले के चांदा थाना क्षेत्र निवासी देवाढ़ गांव की रहने वाली शिवांगी की तबीयत अचानक खराब हो गई. परिजन शुक्रवार की सुबह उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया. शिवांगी के तीमारदारों का आरोप है कि उसको सांस लेने में समस्या हो रही थी, जिसे देखने में डॉक्टर और नर्स लापरवाही बरत रहे थे. इसी वजह से उसकी मौत हो गई.
घटना के बाद निषाद नेता रेखा निषाद मौके पर पहुंची और वहां परिजनों के साथ जमकर हंगामा किया. मामले के बीच बचाव के लिए सीएमएस डॉक्टर सुधीर कुमार गोयल मौके पर पहुंचे. उन्होंने माना कि इमरजेंसी कक्ष में तैनात डॉ. राम धीरेंद्र और स्टाफ नर्स की लापरवाही के नाते किशोरी की मौत हुई है.
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मृतक किशोरी शिवांगी के मामा रामसूरत निषाद कहते हैं कि सुबह 6:00 बजे से मैं चिल्ला रहा हूं कि बेटी का इलाज कर दीजिए. उसकी सांस फूल रही थी. हम लोग रो रहे थे, लेकिन चिकित्सकों ने एक नहीं सुनीं. जिला अस्पताल में इतनी सुविधाएं होने के बाद भी चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं. वहीं किशोरी की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंची रेखा निषाद की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत फिजिशियन डॉक्टर राम देवेंद्र और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ जमकर नोकझोंक हुई.
जांच में प्रथम दृष्टया इमरजेंसी कक्ष में तैनात डॉ. राम धीरेंद्र और स्टाफ नर्स दोषी पाई गई हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी व शासन को पत्र लिखा जाएगा. प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
डॉ. सुधीर कुमार गोयल, प्रभारी मुख्य चिकित्साधीक्षक