ETV Bharat / state

...जानें क्यों भाजपा चेयरमैन ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में बीजेपी महिला चेयरमैन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जारी शासनादेश को चेयरमैन ने गलत करार दिया है. पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश जैसा है.

भाजपा चेयरमैन और सरकार आमने-सामने.
author img

By

Published : Oct 26, 2019, 9:15 AM IST

सुलतानपुरः नगर पालिका में टेंडर के तहत काम कराने वाले ठेकेदारों के चयन को लेकर लंबे समय से रार चल रही है. दो साल से जिलाधिकारी और चेयरमैन आमने-सामने हैं. कभी चेयरमैन अधिकार क्षेत्र में हनन की बात उठाते हैं तो कभी जिलाधिकारी ठेकेदारों के चयन की प्रक्रिया ही रद्द कर देते हैं. इन सबके बीच आए हाईकोर्ट के आदेश ने एक बार फिर मामले में भूचाल ला दिया है.

भाजपा चेयरमैन और सरकार आमने-सामने.
नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल ने तल्ख अंदाज में कहा कि शासनादेश पूरी तरह गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का शासनादेश नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है.

पढ़ेंः-करें तो करें क्या! 'मिट्टी के दिए बनाने पर भी सरकार चालान काट देती है'


जब कर्नाटक, गाजियाबाद या बाहरी शहरों का ठेकेदार टेंडर डालेगा तो उसकी गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी. उसे कैसे बुलाया जाएगा. वैसे गुणवत्ता के लिए चेयरमैन को ही जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन दूरदराज के राज्यों से आने वाले ठेकेदारों के काम करने के बाद गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी. 2 से 3 माह उसका पता लगाने में लग जाएगा. वह काम करके चला जाएगा तो गुणवत्ता की जिम्मेदारी कौन लेगा.
-बबिता जायसवाल, नगर पालिका चेयरमैन

सुलतानपुरः नगर पालिका में टेंडर के तहत काम कराने वाले ठेकेदारों के चयन को लेकर लंबे समय से रार चल रही है. दो साल से जिलाधिकारी और चेयरमैन आमने-सामने हैं. कभी चेयरमैन अधिकार क्षेत्र में हनन की बात उठाते हैं तो कभी जिलाधिकारी ठेकेदारों के चयन की प्रक्रिया ही रद्द कर देते हैं. इन सबके बीच आए हाईकोर्ट के आदेश ने एक बार फिर मामले में भूचाल ला दिया है.

भाजपा चेयरमैन और सरकार आमने-सामने.
नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल ने तल्ख अंदाज में कहा कि शासनादेश पूरी तरह गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का शासनादेश नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है.

पढ़ेंः-करें तो करें क्या! 'मिट्टी के दिए बनाने पर भी सरकार चालान काट देती है'


जब कर्नाटक, गाजियाबाद या बाहरी शहरों का ठेकेदार टेंडर डालेगा तो उसकी गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी. उसे कैसे बुलाया जाएगा. वैसे गुणवत्ता के लिए चेयरमैन को ही जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन दूरदराज के राज्यों से आने वाले ठेकेदारों के काम करने के बाद गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी. 2 से 3 माह उसका पता लगाने में लग जाएगा. वह काम करके चला जाएगा तो गुणवत्ता की जिम्मेदारी कौन लेगा.
-बबिता जायसवाल, नगर पालिका चेयरमैन

Intro:एक्सक्लुसिव स्टोरी
----------
शीर्षक : सुलतानपुर : भगवाधारी चेयरमैन-सरकार आमने-सामने, शासनादेश को बताया पालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप।


एंकर : भगवाधारी सुल्तानपुर महिला चेयरमैन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । जारी शासनादेश को चेयरमैन ने बहुत ही गलत करार दिया है। पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश जैसा है।


Body:वीओ : नगर पालिका में टेंडर के तहत काम कराने वाले ठेकेदारों के चयन को लेकर लंबे समय से रार चल रही है। 2 साल से जिलाधिकारी चेयरमैन आमने-सामने हैं। कभी चेयरमैन अधिकार क्षेत्र में हनन की बात उठाते हैं तो कभी जिलाधिकारी ठेकेदारों के चयन की प्रक्रिया ही रद्द कर देते हैं । इन सबके बीच आए हाईकोर्ट के आदेश ने एक बार फिर मामले में भूचाल ला दिया है।


बाइट : नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल कहती हैं कि जब कर्नाटक, गाजियाबाद या बाहरी शहरों का ठेकेदार टेंडर डालेगा तो उसकी गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी। उसे कैसे बुलाया जाएगा। वैसे गुणवत्ता के लिए चेयरमैन को ही जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन दूरदराज के राज्यों से आने वाले ठेकेदारों के काम करने के बाद गुणवत्ता की जांच कैसे की जाएगी। 2 से 3 माह उसका पता लगाने में लग जाएगा। वह काम करके चला जाएगा तो गुणवत्ता की जिम्मेदारी कौन लेगा।


Conclusion:बाइट : नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल ने तल्ख अंदाज में कहा कि शासनादेश पूरी तरह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का शासनादेश नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.