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हत्या मामले में चाचा भतीजे सहित 3 को उम्रकैद, 35 साल पहले हुई थी घटना - सुलतानपुर में हत्या मामले में सजा

सुलतानपुर में जिला जज ने जमीन कब्जे को लेकर हुई हत्या में चाचा भतीजे सहित 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह घटना 35 साल पहले हुई थी.

सुलतानपुर कोर्ट
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Published : Dec 17, 2022, 7:08 AM IST

सुलतानपुर: जिला जज ने शुक्रवार को 35 साल पुराने हत्या के केस में चाचा भतीजे सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई. जमीन कब्जे को लेकर युवक की हत्या की गई थी. यह मामला अमेठी के तुलापुर गांव से जुड़ा है.

जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर 1987 को घटना घटित हुई थी. योगेंद्र सिंह ने पीपरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. बताया गया था कि रामप्रताप सिंह से लौली मौजा के रोड पर जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था. रंजिश में तालाब में भैंस जाने का बहाना लेकर लाठी, फरसा और कट्टा लेकर रामप्रताप, सुरजन, नब्बू, शिवबहादुर, शेर बहादुर व तेज बहादुर ने रामेन्द्र को मारना शुरू कर दिया था. बचाने गए योगेंद्र, देवेंद्र और भूपेंद्र को भी मारा. गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाए गए भूपेंद्र की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी थी.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी की अर्जी खारिज की

इस मामले में अभियोजन की ओर से 10 और बचाव की ओर से एक गवाह कोर्ट में पेश किया गया था. साक्ष्यों और चोटों की गंभीरता के आधार पर जिला जज जयप्रकाश पांडे ने शिवबहादुर, शेर बहादुर और नब्बू को दोषी ठहराया था. घटना में छह लोग नामजद थे. इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. दोषियों पर कुल 3 लाख 36 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. यह जानकारी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम अचल मिश्र ने दी.

सुलतानपुर: जिला जज ने शुक्रवार को 35 साल पुराने हत्या के केस में चाचा भतीजे सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई. जमीन कब्जे को लेकर युवक की हत्या की गई थी. यह मामला अमेठी के तुलापुर गांव से जुड़ा है.

जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर 1987 को घटना घटित हुई थी. योगेंद्र सिंह ने पीपरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. बताया गया था कि रामप्रताप सिंह से लौली मौजा के रोड पर जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था. रंजिश में तालाब में भैंस जाने का बहाना लेकर लाठी, फरसा और कट्टा लेकर रामप्रताप, सुरजन, नब्बू, शिवबहादुर, शेर बहादुर व तेज बहादुर ने रामेन्द्र को मारना शुरू कर दिया था. बचाने गए योगेंद्र, देवेंद्र और भूपेंद्र को भी मारा. गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाए गए भूपेंद्र की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी थी.

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