सुलतानपुर: कहानी, प्रेरणा प्रसंग, पंचतंत्र और कार्टून के जरिए विद्यार्थियों को नैतिक ज्ञान देने की कवायद शुरू की जा रही है. जिससे समाज में बढ़ रहे अपराध और घट रही सेवा एवं राष्ट्र भावना से देश के भावी भविष्य को ओत-प्रोत किया जा सके. रामकृष्ण मिशन और केंद्रीय विद्यालय ने इस दिशा में हाथ मिलाया है. कक्षा 6 से 9 तक के विद्यार्थियों को व्यावहारिक नैतिक और सदाचार की शिक्षा देने की विशेष पहल शुरू की जा रही है. जागरूक नागरिक कार्यक्रम की शुरुआत सुल्तानपुर से की गई है.
जूनियर बच्चे से शुरू की गई कवायद
रामकृष्ण मिशन और केंद्रीय विद्यालय दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में जागरूक नागरिक कार्यक्रम सभी केंद्रीय विद्यालयों में लागू किया जा रहा है. इसके तहत कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों को ऑनलाइन विजिट ऑब्जर्व विषय के तहत व्यवहारिक नैतिक और सामाजिक ज्ञान दिया जाएगा.
छात्रा ने दी जानकारी
छात्रा रिया सिंह कहती हैं कि नैतिक ज्ञान और सदाचार का पाठ पढ़ाने से समाज में अपराधों में कमी आएगी. बाल अपराध महिला अपराध रुकेंगे. सहिष्णुता क्षमता पड़ेगी और लोगों में प्रेम व्यवहार और नैतिकता संस्कार का ज्ञान प्रसारित होगा.
ताकि राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो विद्यार्थी
इसके लिए सप्ताह में 2 दिनों का चयन किया गया है. इन दिनों 2 से 3 घंटे तक निशुल्क क्लास चलाई जाएगी. सुलतानपुर में ऐसे 500 बच्चों का चयन प्रशिक्षित करने के लिए किया गया है. जिससे इन बच्चों में भारतीयता, परोपकार, सहिष्णुता, ईमानदारी, नैतिकता और राष्ट्रप्रेम की भावना जन्म ले.
बढ़ेगी राष्ट्रप्रेम की भावना
शिक्षक बम बहादुर सिंह कहते हैं कि नैतिक शिक्षा बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है. चाहे अंग्रेजी, विज्ञान और कंप्यूटर के शिक्षक क्यों न होंं, उन्हें बच्चों को नैतिक ज्ञान जरूर देना चाहिए. इससे समाज में बढ़ रहे अपराध रुकेंगे साथ ही सामाजिक और राष्ट्रप्रेम भावना बढ़ेगी, जिससे देश उन्नति करेगा.
बच्चों के जीवन को बेहतर बनाना है लक्ष्य
कंप्यूटर शिक्षिका निशा वर्मा कहती हैं कि बच्चे गलत डायरेक्शन में न जाएं, इसके लिए हम लोग उनको मोटिवेट करते रहते हैं. उनमें नैतिक शिक्षा का विकास हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं. रामकृष्ण मिशन का उद्देश्य है बच्चों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना, ताकि बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा का जन्म हो. इससे बच्चे नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहेंगे और अपने जीवन को बेहतर बना सकेगें.
देश की पुरातन परंपरा रहेगी जीवित
रामकृष्ण मिशन और केंद्रीय विद्यालय नई दिल्ली द्वारा अवेकैंट सिटीजन प्लान तैयार किया गया है. इसे सभी केंद्रीय विद्यालय में लागू किया जा रहा है. इसके लिए पहले कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों का चयन किया गया था, जिसे बढ़ाकर कक्षा 6 से 9 कर दिया गया है. इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी गई है, ताकि शिक्षक बच्चों में नैतिक शिक्षा की उर्जा भर सकें. इसका उद्देश्य भारत की पुरातन परंपरा को जीवित रखना और बच्चों को एक बेहतर जीवन देना है.