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सुल्तानपुर का इमलिया खुर्द पुल, 13 करोड़ खर्च करने के बाद भी है आधा-अधूरा

यूपी में एक ओर निवेशकों को लुभाने के लिए सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने का दावा कर रही है, वहीं सुल्तानपुर का आधा-अधूरा इमलिया खुर्द पुल दावों को मुंह चिढ़ा रहा है. अधूरे पुल के कारण 5 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है.

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Published : Feb 13, 2023, 2:21 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 6:25 PM IST

इमलिया खुर्द पुल को लेकर विशेष रिपोर्ट

सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की लापरवाही के चलते सुल्तानपुर की इमिलिया घाट सेतु परियोजना औंधे मुंह गिर पड़ी है. इमलिया खुर्द पुल का 73 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मगर आधे-अधूरे पुल के कारण इलाके के लोगों को 5 किलोमीटर का फासला तय करने के लिए नागरिकों को 20 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ रहा है.

सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इमलिया खुर्द पुल. यहां गंगा गोमती पर पुल बनाया जा रहा है. इस पुल को बनाने की स्वीकृति समाजवादी पार्टी की सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दी थी थी. 2018 से इस पर काम शुरू होना था, इसके लिए वित्तीय स्वीकृति 2020 में दी गई थी. लगभग 182 मीटर लंबे पुल की लागत 13 करोड़ 25 लाख रुपये आंकी गई थी. पुल बनाने का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को सौंपा गया था. इससे जुड़े अन्य कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की थी.

Imlia Khurd Bridge of Sultanpur
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम का दावा है कि पुल निर्माण का काम 73 फीसदी पूरा हो चुका है.

पहले चरण में शासन ने 12 करोड़ 59 लाख रुपये जारी किए थे. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के आंकड़ों का दावा है कि पुल निर्माण का 73 फीसदी काम पूरा हो चुका है. अब 16 करोड़ 16 लाख रुपये का रिवाइज बजट एस्टीमेट शासन को भेजा गया है. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूरज कुमार गर्ग का कहना है कि बजट मिलते ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

फिलहाल स्थिति यह है कि 5 किलोमीटर तय करने के लिए स्थानीय नागरिकों को 20 किलोमीटर अतिरिक्त फासला तय करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि लंबी दूरी के कारण अस्पताल पहुंचने से पहले एंबुलेंस में प्रसव हो रहे हैं और हादसों की चपेट में आने वाले लोग दम तोड़ रहे हैं. ग्राम प्रधान अनिल यादव का आरोप है कि स्थानीय सांसद मेनका गांधी और विधायक विनोद सिंह इस ओर ध्यान नहीं देते हैं. अधूरे पुल के कारण लोगों को 3 से 4 गुना अधिक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. स्थानीय निवासी रामनारायण और आलोक यादव ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि करप्शन के चलते आज तक पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूरज कुमार गर्ग ने बताया कि जून 2020 में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी. अभी तक 73 प्रतिशत काम किया जा चुका है. पैसा खत्म हो चुका है, इसलिए इस समय काम बंद है. शासन को रिवाइज बजट भेजा गया है. पैसा मिलते ही दोबारा काम शुरू किया जाएगा.

पढ़ें : अगर आउटर रिंग रोड के किनारे खरीदा है प्लॉट तो हो जाएं सावधान, तत्काल करा लें नामांतरण, जानिए वजह

इमलिया खुर्द पुल को लेकर विशेष रिपोर्ट

सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की लापरवाही के चलते सुल्तानपुर की इमिलिया घाट सेतु परियोजना औंधे मुंह गिर पड़ी है. इमलिया खुर्द पुल का 73 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मगर आधे-अधूरे पुल के कारण इलाके के लोगों को 5 किलोमीटर का फासला तय करने के लिए नागरिकों को 20 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ रहा है.

सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इमलिया खुर्द पुल. यहां गंगा गोमती पर पुल बनाया जा रहा है. इस पुल को बनाने की स्वीकृति समाजवादी पार्टी की सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दी थी थी. 2018 से इस पर काम शुरू होना था, इसके लिए वित्तीय स्वीकृति 2020 में दी गई थी. लगभग 182 मीटर लंबे पुल की लागत 13 करोड़ 25 लाख रुपये आंकी गई थी. पुल बनाने का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को सौंपा गया था. इससे जुड़े अन्य कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की थी.

Imlia Khurd Bridge of Sultanpur
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम का दावा है कि पुल निर्माण का काम 73 फीसदी पूरा हो चुका है.

पहले चरण में शासन ने 12 करोड़ 59 लाख रुपये जारी किए थे. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के आंकड़ों का दावा है कि पुल निर्माण का 73 फीसदी काम पूरा हो चुका है. अब 16 करोड़ 16 लाख रुपये का रिवाइज बजट एस्टीमेट शासन को भेजा गया है. उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूरज कुमार गर्ग का कहना है कि बजट मिलते ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

फिलहाल स्थिति यह है कि 5 किलोमीटर तय करने के लिए स्थानीय नागरिकों को 20 किलोमीटर अतिरिक्त फासला तय करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि लंबी दूरी के कारण अस्पताल पहुंचने से पहले एंबुलेंस में प्रसव हो रहे हैं और हादसों की चपेट में आने वाले लोग दम तोड़ रहे हैं. ग्राम प्रधान अनिल यादव का आरोप है कि स्थानीय सांसद मेनका गांधी और विधायक विनोद सिंह इस ओर ध्यान नहीं देते हैं. अधूरे पुल के कारण लोगों को 3 से 4 गुना अधिक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. स्थानीय निवासी रामनारायण और आलोक यादव ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि करप्शन के चलते आज तक पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूरज कुमार गर्ग ने बताया कि जून 2020 में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी. अभी तक 73 प्रतिशत काम किया जा चुका है. पैसा खत्म हो चुका है, इसलिए इस समय काम बंद है. शासन को रिवाइज बजट भेजा गया है. पैसा मिलते ही दोबारा काम शुरू किया जाएगा.

पढ़ें : अगर आउटर रिंग रोड के किनारे खरीदा है प्लॉट तो हो जाएं सावधान, तत्काल करा लें नामांतरण, जानिए वजह

Last Updated : Feb 13, 2023, 6:25 PM IST
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