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सुलतानपुर: सेनेटरी नैपकिन के प्रयोग के लिए किया जागरूक - सेनेटरी नैपकिन का वितरण

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के बारे में बताने के लिए एक समाजसेवी आगे आई है. वह कम पढ़े-लिखे परिवारों को जागरूक करने के साथ ही सेनेटरी नैपकिन का निशुल्क वितरण भी कर रही हैं.

सेनेटरी नैपकिन
नि:शुल्क में सेनेटरी नैपकिन का वितरण.
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Published : Apr 13, 2020, 9:54 AM IST

सुलतानपुर: महिलाओं में सेनेटरी नैपकिन की जागरूकता बढ़ाने और कैंसर जैसे रोग से बचाव के लिए एक महिला समाजसेवी आगे आई है. पूजा कसौधन ने दलित बस्ती, निर्धन इलाके और कम पढ़े-लिखे परिवारों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.साथ ही नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन के वितरण की शुरुआत की है.

सेनेटरी नैपकिन
निशुल्क सेनेटरी नैपकिन का वितरण.

सेनेटरी नैपकिन के बारे में लोगों को रही जागरूक
प्रदेश सरकार के आंकड़ों को देखें तो गर्भाशय कैंसर और गर्भाशय रोग का प्रसार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बढ़ता जा रहा है. खासकर उन परिवार की महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं, जिनमें सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के प्रति जागरूकता का अभाव है. वे इसे केवल सुविधा का अंग मानते हैं. उन्हें असल तस्वीर से परिचित कराने के लिए समाजसेवी पूजा कसौधन आगे आई हैं.

महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन नहीं मिल पाते हैं, जिस पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया. मां-बेटियों को पीरियड के समय कपड़ा उपयोग करने से कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है. महिलाओं को इसके उपयोग को लेकर खुलकर सामने आना चाहिए. यह कोई गलत चीज नहीं है. पीरियड शुरू होने से पहले ही मां का कर्तव्य है कि अपनी बेटियों को बताएं. शर्म न करें, आगे आएं और बेहतर स्वास्थ्य को अपनाएं.
पूजा कसौधन, समाजसेवी

सुलतानपुर: महिलाओं में सेनेटरी नैपकिन की जागरूकता बढ़ाने और कैंसर जैसे रोग से बचाव के लिए एक महिला समाजसेवी आगे आई है. पूजा कसौधन ने दलित बस्ती, निर्धन इलाके और कम पढ़े-लिखे परिवारों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.साथ ही नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन के वितरण की शुरुआत की है.

सेनेटरी नैपकिन
निशुल्क सेनेटरी नैपकिन का वितरण.

सेनेटरी नैपकिन के बारे में लोगों को रही जागरूक
प्रदेश सरकार के आंकड़ों को देखें तो गर्भाशय कैंसर और गर्भाशय रोग का प्रसार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बढ़ता जा रहा है. खासकर उन परिवार की महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं, जिनमें सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के प्रति जागरूकता का अभाव है. वे इसे केवल सुविधा का अंग मानते हैं. उन्हें असल तस्वीर से परिचित कराने के लिए समाजसेवी पूजा कसौधन आगे आई हैं.

महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन नहीं मिल पाते हैं, जिस पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया. मां-बेटियों को पीरियड के समय कपड़ा उपयोग करने से कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है. महिलाओं को इसके उपयोग को लेकर खुलकर सामने आना चाहिए. यह कोई गलत चीज नहीं है. पीरियड शुरू होने से पहले ही मां का कर्तव्य है कि अपनी बेटियों को बताएं. शर्म न करें, आगे आएं और बेहतर स्वास्थ्य को अपनाएं.
पूजा कसौधन, समाजसेवी

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