सुल्तानपुर : सुल्तानपुर के बहुचर्चित कटका कांड में 4 साल बाद जिला एवं सत्र न्यायालय (District Sessions Court Sultanpur) ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने 50 लाख फिरौती की खातिर अपने ही मालिक के मासूम बच्चे की फावड़े से काट कर हत्या करने वाले नौकरों को दोषी माना है. अदालत ने अपहरण को बाद हत्या की घटना को नृशंस मानते हुए चारों हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक को 14-14 लाख रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है. इस राशि का 80 प्रतिशत मृतक मासूम के पिता को देने का आदेश दिया है. दोषियों ने श्रेयांस के छोटे भाई दिव्यांग को घायल कर दिया था. उस हमले के बाद से दिव्यांश भी दिव्यांग हो गया.
![shreyans murder case of sultanpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-sul-05-judge-photo-up10115jpg_23122022174251_2312f_1671797571_758.jpg)
हत्या के इस मामले में गोसाईगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. पुलिस ने घर के नौकर रघुवर यादव, सह आरोपी सूरज और शिवानंद उर्फ हरिओम समेत शिवपूजन शर्मा को आरोपी बनाया था. इस केस में एक किशोर की संलिप्तता भी पाई गई थी. पुलिस ने इन सभी के खिलाफ कोर्ट (District Sessions Court Sultanpur) में चार्जशीट दायर किया था. आरोपी किशोर के खिलाफ जूवेनाइल कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है.
अभियोजन पक्ष के निजी अधिवक्ता एवं पूर्व डीडीसी क्रिमिनल तारकेश्वर सिंह की बहस के बाद चारों दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सभी को अपराध में संलिप्त मानते हुए जिला सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडे की अदालत ने पहले ही दोषी करार दे दिया था. इन दोषियों पर 14-14 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जुर्माना राशि अदा न करने पर अदा न करने पर 3 साल अतिरिक्त कैद काटने का भी आदेश दिया है.
वहींं, कोर्ट के फैसले पर पिता राकेश अग्रहरि चारो दोषियों को उम्रकैद की सजा होने के बाद संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि टीस अभी बाकी है, इनको तो सजायें मौत होनी चाहिए थी. हम सजा बढ़ाने के लिये मुकदमे की पैरवी जारी रखेंगे. वहीं, मासूम की मां ने कहा कि जिसको परिवार का हिस्सा मानती थी उसने विश्वास का कत्ल किया है. उनके साथ कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए. दोषियों ने जो किया है, उसका गम जीवन भर रहेगा.
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