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सुलतानपुर: नशेड़ियों का अड्डा बना आंगनबाड़ी का प्राथमिक विद्यालय

यूपी के सुलतानपुर में नगर कोतवाली क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. जहां स्कूल बंद होने के बाद शराबियों और अराजक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस संबंध में अभी तक पुलिस को सूचना नहीं दी गई है.

विद्यालय की हकीकत
विद्यालय की हकीकत
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Published : Feb 8, 2021, 6:22 PM IST

सुलतानपुर : जिला मुख्यालय स्थित नगर कोतवाली क्षेत्र में गभड़िया पुलिस चौकी के पिछे प्राथमिक विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. यहां पर 78 बच्चे दो क्लास में बैठने की कागजों में व्यवस्था है. स्कूल में छात्रों को डेस्क-बेंच आदि की समस्या तो है ही, उससे भी बड़ी समस्या यहां अराजक तत्वों के आने से है. प्राथमिक विद्यालय के बंद हो जाने के बाद यहां अराजक तत्वों का आना शुरू हो जाता है.

आंगनबाड़ी का प्राथमिक विद्यालय
आंगनबाड़ी केंद्र पर आते हैं अराजक तत्व

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नेहा गुप्ता ने बताया कि यहां दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. पहले में 34 और दूसरे में 44 बच्चे पढ़ते हैं. पोषाहार सरकार की तरफ से बंद कर दिया गया है. गेहूं, चावल और दाल पिछले माह पात्रों को वितरित किया गया है. बच्चे आए थे और विद्यालय से चले गए हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता देवी कहती हैं कि स्कूल बंद होने के बाद अवांछित तत्व यहां आते हैं, हालांकि इस संबंध में अभी तक पुलिस को सूचना नहीं दी गई है.

2111 सामान्य, 400 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र

जिला कार्यक्रम विभाग के अनुसार, सुलतानपुर में 2511 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. जिसमें से 2111 सामान्य और 400 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं. यहां गेहूं, चावल और दाल देने की व्यवस्था की गई है. परिवारों को एक किलो चावल, गेहूं का दाल और मिल्क पाउडर भी दिया जाता है. जिससे कुपोषण के खिलाफ लड़ रहे इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.

आंगनबाड़ी केंद्र पर शराबियों और अन्य अवांछित लोगों के आने की सूचना नहीं है. यदि कोई ठोस सूचना मिलेगी तो पुलिस को सूचना कर आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी. शिक्षण व्यवस्था के लिए डेस्क और बेंच बनाने के लिए कायाकल्प योजना के तहत व्यवस्था की जा रही है.

-दीवान सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी

शिक्षा का मंदिर आंगनबाड़ी केंद्र हैं. यदि यहां अवांछित तत्व आ रहे हैं तो पुलिस को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए.

-नागेंद्र सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

कायाकल्प योजना के तहत 45 आंगनबाड़ी केंद्र को जीर्णोद्धार प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है. जल्द ही इसका असर दिखाई देगा. लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

-दिनेश सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

सुलतानपुर : जिला मुख्यालय स्थित नगर कोतवाली क्षेत्र में गभड़िया पुलिस चौकी के पिछे प्राथमिक विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. यहां पर 78 बच्चे दो क्लास में बैठने की कागजों में व्यवस्था है. स्कूल में छात्रों को डेस्क-बेंच आदि की समस्या तो है ही, उससे भी बड़ी समस्या यहां अराजक तत्वों के आने से है. प्राथमिक विद्यालय के बंद हो जाने के बाद यहां अराजक तत्वों का आना शुरू हो जाता है.

आंगनबाड़ी का प्राथमिक विद्यालय
आंगनबाड़ी केंद्र पर आते हैं अराजक तत्व

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नेहा गुप्ता ने बताया कि यहां दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. पहले में 34 और दूसरे में 44 बच्चे पढ़ते हैं. पोषाहार सरकार की तरफ से बंद कर दिया गया है. गेहूं, चावल और दाल पिछले माह पात्रों को वितरित किया गया है. बच्चे आए थे और विद्यालय से चले गए हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता देवी कहती हैं कि स्कूल बंद होने के बाद अवांछित तत्व यहां आते हैं, हालांकि इस संबंध में अभी तक पुलिस को सूचना नहीं दी गई है.

2111 सामान्य, 400 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र

जिला कार्यक्रम विभाग के अनुसार, सुलतानपुर में 2511 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. जिसमें से 2111 सामान्य और 400 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं. यहां गेहूं, चावल और दाल देने की व्यवस्था की गई है. परिवारों को एक किलो चावल, गेहूं का दाल और मिल्क पाउडर भी दिया जाता है. जिससे कुपोषण के खिलाफ लड़ रहे इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.

आंगनबाड़ी केंद्र पर शराबियों और अन्य अवांछित लोगों के आने की सूचना नहीं है. यदि कोई ठोस सूचना मिलेगी तो पुलिस को सूचना कर आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी. शिक्षण व्यवस्था के लिए डेस्क और बेंच बनाने के लिए कायाकल्प योजना के तहत व्यवस्था की जा रही है.

-दीवान सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी

शिक्षा का मंदिर आंगनबाड़ी केंद्र हैं. यदि यहां अवांछित तत्व आ रहे हैं तो पुलिस को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए.

-नागेंद्र सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

कायाकल्प योजना के तहत 45 आंगनबाड़ी केंद्र को जीर्णोद्धार प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है. जल्द ही इसका असर दिखाई देगा. लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

-दिनेश सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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